भोपाल । लोक निर्माण विभाग अब डामर के सैंपल, बिना ठेकेदार और संबंधित अधिकारी को बिना बताए, जांच के लिए लेबोरेटरी में भेजेंगे। इसके लिए लोक निर्माण विभाग रेंडम सैंपल लेगा। सैंपल की कोडिंग करेगा। कोडिंग के अनुसार जांच के लिए उन्हें लैब में भेजा जाएगा। 
मध्यप्रदेश में हर साल लगभग 10000 किलोमीटर की सड़कें खराब होती हैं। हर साल सड़कों में बड़े पैमाने पर गड्ढे हो जाते हैं। जरा सी बारिश में डामर बह जाता है। अभी तक ठेकेदार लैब में सैंपल की जांच कराते थे। ले देकर वह अपने सैंपल को गुणवत्ता युक्त बताकर अपना बिल फाइनल करा लेते थे। सड़क निर्माण में घटिया क्वालिटी के डामर का उपयोग करते थे। 
मध्य प्रदेश सरकार ने अब इस तरीके की गड़बड़ी को रोकने के लिए, सैंपल के गोपनीय तरीके से कोड जनरेट करके, उन्हें लैब में भेजने की व्यवस्था की जा रही है। ताकि लैब में जांच के दौरान यह पता नहीं लगे, कि यह सैंपल किसका है।