केंद्र सरकार की तरफ से देश के छह पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैकों में ह‍िस्‍सेदारी बेचने की योजना बनाई जा रही है. ईटी में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार केंद्र सरकारी बैंकों में 5-10 परसेंट हिस्सेदारी का विनिवेश करने की योजना बना रहा है. इन बैंकों में सरकार की 80 परसेंट से ज्‍यादा की इक्विटी है. इस मामले से जुड़े सूत्रों ने ईटी को बताया क‍ि जल्द ही ड‍िटेल्‍ड रोडमैप आने की संभावना है. फ‍िलहाल सरकार के पास छह बैंकों में 80 परसेंट से ज्‍यादा शेयर है. इन बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक के नाम शाम‍िल हैं.

शेयर की तेजी का फायदा उठाना चाहती है सरकार
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों के शेयर की कीमत में तेजी का फायदा उठाना चाहती है. इन छह बैंकों ने बेहतर वित्तीय प्रदर्शन के कारण मौजूदा त‍िमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है. निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में इस साल 34 परसेंट की तेजी देखी गई है. जबकि निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स में 6.9 परसेंट की तेजी आई है. हालांकि निफ्टी 50 इंडेक्स इस दौरान 6.4 प्रत‍िशत ही चढ़ा है. ज‍िन छह बैंकों में सरकार ह‍िस्‍सेदारी बेचने का प्‍लान कर रही हैं, उनमें बैंक ऑफ इंडिया (BOI) इनमें सबसे बड़ा है.

आईडीबीआई बैंक से बाहर निकलने का व‍िचार
सरकार यद‍ि बैंक ऑफ इंडिया (BOI) के 10 प्रत‍िशत ह‍िस्‍सेदारी बेचती है तो मौजूदा शेयर पर सरकार को 4400 करोड़ रुपये म‍िलने की उम्‍मीद है. दूसरी तरफ सरकार आईडीबीआई बैंक से बाहर निकलने का भी व‍िचार कर रही है. आईडीबीआई को प्राइवेट सेक्‍टर का बैंक माना जा रहा है. म‍िंट की खबर के अनुसार सरकार इन छह बैंकों में ह‍िस्‍सेदारी घटाकर 28,000-54,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है. अगर सरकार दूसरे सरकारी बैंकों में ह‍िस्‍सेदारी बेचती है तो इससे ज्‍यादा पैसा म‍िल सकता है. उदाहरण के तौर पर एसबीआई में 6 परसेंट हिस्सेदारी बेचने से सरकार को 31,395 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.

पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों ने 2022-23 में अपनी संपत्ति में 9.1 परसेंट का इजाफा क‍िया है. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने लोन और अग्रिम में 20 परसेंट का इजाफा क‍िया है. कुल संपत्ति के मामले में सबसे ज्‍यादा इजाफा बैंक ऑफ महाराष्ट्र टॉप पर था.

ग्राहकों पर क्‍या होगा असर?
सरकार की तरफ से यद‍ि छह बैंकों में 5 से 10 प्रत‍िशत का व‍िन‍िवेश क‍िया जाता है तो इससे प्राइवेट सेक्‍टर की ह‍िस्‍सेदारी बढ़ जाएगी और सरकार की कम हो जाएगी. इससे बैंक‍िंग कामकाज और खाताधारकों पर क‍िसी तरह का असर नहीं पड़ेगा. बैकों में पूरी प्रक्र‍िया पहले की ही तरह जारी रहेगी.