गोंगपा का आरोप-

 

रेत के अवैध परिवहन ने ली आदिवासी युवकों की जान

 

जिले में खनिज नीति 2023 के कड़े प्रावधानों के बावजूद हो रहा रेत का परिवहन 

 

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, मृतकों के परिवार को 50-50 लाख मुआवजे की मांग

 

बैतूल। रेत खदानों पर रोक होने के बावजूद जिले में रोजाना रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन बदस्तूर जारी है। लेकिन अवैध रेत उत्खनन, परिवहन करने वालों पर जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। खुलेआम धड़ल्ले के साथ अवैध रेत उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है। 

 

गौरतलब है कि खनिज नीति 2023 के कड़े प्रावधानों के बावजूद हो रहे रेत के परिवहन के चलते 2 आदिवासी युवकों की असमय दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने घटना के लिए विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई करने की मांग की है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने गुरुवार को कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर घटना की जांच करते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने एवं दुर्घटना में मृत आदिवासी युवकों के परिजनों को 50-50 लाख का मुआवजा एवं घायलों के परिजनों को 2 लाख की सहायता राशि देने की मांग की है।

 

-- खनिज नीति के प्रवधानों की अनदेखी का आरोप--

 

घटना की जानकारी देते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष हेमंत सरियाम ने बताया कि अवैध रेत परिवहन के कारण 18 जनवरी दिन बुधवार को माहरुख नदी के पास सुबह लगभग 6 से 7 बजे के बीच अवैध परिवाहन कर रहे टैक्टर ट्राली के दुर्घटनाग्रस्त होने से घटना स्थल पर जनजाति सदस्य के दो युवकों की मृत्यु हो गई। दो युवकों का जिला चिकित्सालय में उपचार चल रहा है। सरियाम का आरोप है कि रेत के अवैध परिवाहन के दौरान घटित दुर्घटना मध्य प्रदेश खनिज नीति के प्रवधानों की अनदेखी के चलते हुई है।

 

-- उत्खनन करने वालों की राजनीतिक व प्रशासनिक पकड़--

 

हेमंत सरियाम के मुताबिक अवैध उत्खनन करने वालों की अच्छी पकड़ है। कोई जनप्रतिनिधि की बताता है, तो प्रशासनिक अधिकारियों की आड़ में उत्खनन करने में जुटे हुए हैं। क्षेत्र से रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर ट्राली अवैध रेत खनन कर रहे हैं। अवैध रेत का भंडारण करने वालों की कमी नहीं है। काफी लोग रेत का भंडारण कर रहे हैं। जिले के विभिन्न नदी नालों घाटों से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है। जिम्मेदार विभाग पूरी तरह मौन हैं। शिकायत किए जाने पर कार्रवाई नहीं हो रही है, जिसकी वजह से अवैध खनिज माफिया अल्प समय में अब अकूल संपत्ति के मालिक बनकर बैठे हैं।

 

-- विभाग की उदासीनता के चलते सक्रिय है रेत माफिया--

 

सरियाम ने आरोप लगाया कि खनिज विभाग के उदासीन रवैये के चलते खनिज माफिया सक्रिय हो रहे हैं। इससे राजस्व विभाग को चूना लग रहा है। इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को होने के बावजूद वे चुप्पी साधे हुए हैं। शिकायतें होने पर प्रशासन द्वारा गिने चुने कुछ लोगों को पकड़ा जाता है। वहीं नाममात्र के लिए कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन अवैध उत्खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। मध्य प्रदेश खनिज नीति 2023 के कढे प्रावधानों के बावजूद अवैध रेत परिवाहन के मामले सामने आ रहे है।