अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी, अदानी एंटरप्राइजेज ने सोमवार को स्टॉक एक्सचेंजों में प्रस्तावित 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) के ड्राफ्ट पेपर्स सब्मिट कर दिए हैं. ईटी की रिपोर्ट की रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से जानकारी दी गई कि कंपनी जनवरी के आखिरी हफ्ते में पब्लिक इश्यू लॉन्च करने की संभावना पर विचार कर रही है.
अदानी एंटरप्राइजेज ने नवंबर के एंड में फॉलो-ऑन शेयर सेल की घोषणा की थी. कुछ बैंकर्स ने कहा कि अदानी एंटरप्राइजेज पार्टली पेड शेयर जारी कर एफपीओ में पैसा जुटा सकती है. मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि कंपनी एफपीओ में रिटेल इंवेस्टर्स को छूट दे सकती है. अडानी अदानी एंटरप्राइजेज का स्टॉक पिछले एक साल में 94 फीसदी और पिछले पांच साल में 1,760 फीसदी चढ़ चुका है.

एफपीओ के परिणामस्वरूप गौतम अडानी के नेतृत्व वाले प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 3.5 फीसदी तक गिर सकती है. सितंबर 2022 तक, प्रमोटर्स के पास अडानी एंटरप्राइजेज का 72.63 फीसदी हिस्सा था, जबकि शेष 27.37 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास था. जीवन बीमा निगम के पास सार्वजनिक शेयरधारकों के बीच 4.03 फीसदी हिस्सेदारी थी, जबकि नोमुरा सिंगापुर, एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड, एलारा इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड और एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड के पास 1 फीसदी और 2 फीसदी के बीच हिस्सेदारी थी.

कंपनी को कथित तौर पर एफपीओ के लिए अपने कागजात दाखिल किए हुए सिर्फ एक दिन हुआ है, आधिकारिक तौर पर अधिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है. हालांकि, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अदानी एंटरप्राइजेज ने जेफरीज, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एसबीआई कैपिटल, बैंक ऑफ बड़ौदा कैपिटल, एलारा कैपियल और कुछ अन्य लोगों को इस इश्यू के लिए चीफ बैंकर के रूप में नियुक्त किया है.

कर्ज कम करने में मिलेगी मदद -
इस एफपीओ से मिलने वाले पैसे को कर्ज कम करने में लगाया जा सकता है. ग्रुप पर 2.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज डेट मार्कट में कुछ लोगों के लिए काफी चिंता का कारण रहा है, लेकिन अडानी ने इंडिया टुडे के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में उस आलोचना का विरोध करते हुए कहा कि ग्रुप “आर्थिक रूप से मजबूत” है और इसका मुनाफा लोन के मुकाबले में दोगुना बढ़ रहा है.