इंदौर-उज्जैन । महाकाल की महिमा के आगे आस्था हमेशा नतमस्तक रही है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में महाकाल लोक कॉरिडोर का निर्माण करवाया, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री ने किया था। उज्जैन में दर्शन के लिए आस्था उमड़ रही है। लोगों की आवाजाही बढऩे से इंदौर-उज्जैन टोल कंपनी की बल्ले-बल्ले हो रही है। यहां पर रोजाना तकरीबन 8 लाख रुपए टोल टैक्स के रूप में कंपनी के पास आ रहा है। इंदौर-उज्जैन रोड पर तकरीबन 2 माह पहले टोल वसूली के लिए नई एजेंसी ने काम शुरू किया था। उस समय यहां पर प्रतिदिन टोल टैक्स के रूप में कंपनी को साढ़े छह से सात लाख रु. रोजाना मिल रहे थे। पिछले दिनों उज्जैन में महाकाल लोक कॉरिडोर निर्माण होने से देश-प्रदेश के श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे हैं। रोजाना वाहनों की संख्या तकरीबन 15000 को पार कर रही है। शनिवार-रविवार को तो वाहनों की रेलम-पेल इस रोड पर लग जाती है। इससे टोल कंपनी को जबरदस्त लाभ हुआ है। अब टोल कंपनी के पास साढ़े सात से 8 लाख रु. रोजाना तक आ रहे हैं। यानी महाकाल लोक में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं ने टोल कंपनी की बल्ले-बल्ले कर दी है।
इंदौर होकर उज्जैन से गुजरने वाले वाहनों में बड़ी संख्या राजस्थान की ओर जाने वाले वाहनों की भी है। सोयत के पास ब्रिज ( अस्थायी रपट) तैयार होने से इस मार्ग पर वाणिज्यिक ट्रैफिक भी बढ़ा है। पहले राजस्थान की ओर जाने वाले वाहन दूसरे मार्ग का उपयोग करते थे। वहीं इंदौर-उज्जैन रोड पर शुरू से ही बिना टोल चुकाए हजारों वाहन की आवाजाही है। बताया जाता है कि यहां पर 25 से 35 फीसदी वाहन रोजाना बिना टोल चुकाए आवाजाही करते हैं। इनमें बड़ी संख्या में डंपर और यात्री बसें भी शामिल हैं। पुरानी टोल कंपनी के टर्मिनेट होने में यह प्रमुख कारण था।