इंदौर । नौलखा स्थित इंदौर रेंज कार्यालय का सोमवार को वन मंत्री विजय शाह ने औचक निरीक्षण किया। यहां उनकी नजर कार्यालय में रखी होलकर कालीन तिजोरियों पर पड़ी। इन्हें देख मंत्री शाह ने तुरंत नीलाम करने के निर्देश दे डाले। वन मंत्री शाह ने सीसीएफ और डीएफओ को निर्देश दिए हैं कि बांस कारीगरों से संपर्क कर उनके फर्नीचर को शोरूम में रखने पर जोर दें। यहां तक महीनेभर के भीतर इसे दोबारा शुरू करने को बोला है। मालूम हो कि ये तिजोरियां पुराने रेंज कार्यालय में रखी हुई थीं। इन्हें नए भवन बनने के बाद स्टाफ ने लावारिसों सा एक तरफ रख दिया है। खास बात यह है कि तिजोरियों पर होलकर रियासत की सील लगी हुई है। अधिकारियों के अनुसार ये तिजोरियां करीब 80 साल पुरानी हैं। इनका उपयोग रेंजर कार्यालय में नकदी और दस्तावेज रखने में होता था।

जानकारी हो कि 2013 में इंदौर रेंज का नया कार्यालय बना। सूत्रों के अनुसार एक तिजोरी की जिम्मेदारी रेंजर की रहती थी। इसमें मजदूरों और दैनिक वेतनभोगियों को बांटने के लिए रुपये रखे जाते थे। दूसरी बड़ी तिजोरी विभाग के दस्तावेज रखने में उपयोग होती थी। 1993 से इन्हें खोला तक नहीं गया है। चाबी गुम जाने से तिजोरियां बरसों से बंद हैं। वजनदार होने से इन्हें रेंज कार्यालय से हटाया नहीं जा सकता है। स्टाफ का मानना है कि इसे खोलने पर विभाग को कुछ पुराने दस्तावेज मिल सकते हैं। इस वजह से नया रेंज कार्यालय बनने के बावजूद तिजोरियों को यहां रखा हुआ है। स्टाफ इन दिनों तिजोरियों को कुर्सी की तरह उपयोग करता है।

वनमंत्री विजय शाह ने राजस्व बढ़ाने पर जोर देने के लिए वन अफसरों की बैठक ली थी। रेंज कार्यालय का निरीक्षण कर बांस शोरूम और संजीवनी के बारे में चर्चा की है। इनका राजस्व का बढ़ाने को लेकर रुपरेखा बनाई है।