धार    धरमपुरी में गायों के जिंदा जलने का मामला सामने आया है। नवीन पुनर्वास में अस्थाई कुटियानुमा गौशाला में मंगलवार को अचानक आग भभक गई। आग इतनी विकराल थी कि गौशाला में बंधी 6 गाय जिंदा जल गईं। मृत गायों में एक प्रेग्नेंट थी। सूचना मिलते ही हिंदू संगठन के लोग मौके पर पहुंचे और मोटर पंप की मदद से दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। गौशाला में 10 गाय थीं, इनकी देखरेख का जिम्मा एक संत के पास था। हादसे के दौरान संत जंगल में लकड़ी बीनने गए थे। आग कैसे लगी, यह अभी पता नहीं चल पाया है।

दुर्गा माता मंदिर से महज कुछ दूरी पर नर्मदा गिरी महाराज की एक कुटिया हैं। यहां पर उन्होंने एक अस्थाई गौशाला भी बना रखी थी। गौशाला लकड़ी की बनी थी, जिसमें गायों के लिए भूसा भी भरा हुआ था। दोपहर में वे लकड़ी बीनने जंगल गए और गौशाला में आग भभक गई। लकड़ी और भूसे के कारण आग ने चंद मिनट में विकराल रूप ले लिया। आग की चपेट में गौशाला में बंधी 10 गाय आ गईं। आग देख आस-पास के लोग दौड़े और गायों की रस्सी खोलकर उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की। 4 गाय तो वे बाहर निकाल लाए, लेकिन तेजी से फैल रही आग के कारण 6 गाय आग की पलटों में घिर गईं।

सूचना के बाद हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और मोटर पंप की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की। जानकारी पर डॉयल - 100 और नगर परिषद धरमपुरी का टैंकर भी मौके पर पहुंचा, जिसके बाद आग पर काबू पाया जा सका। इधर, सूचना मिलने पर पटवारी मौके पर पहुंचे और पंचनामा तैयार किया। संगठन के पदाधिकारियों ने अचानक लगने की जांच करने की मांग की।

तहसीलदार संजय शर्मा का कहना है कि अस्थाई गौशाला में आग लगने की सूचना मिली थी। पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में 6 गायों की मौत होने के बारे में प्रारंभिक तौर पर जानकारी दी है। गायों का पोस्टमार्टम भी करवाया जाएगा, हालांकि आग लगने का कारण अभी अज्ञात है।