मस्क ने ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदा है, जिसके बाद से कंपनी में छंटनी की आशंका जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार ट्विटर के कुछ इंजीनियरों को वीकेंड पर काम करने के साथ-साथ कोडिंग प्रोजेक्ट्स पर भी काम करने को कहा गया है।

रोज 12 घंटे,सातो दिन काम करने पर मजबूर

दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने जब से माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर की कमान संभाली है तब से इससे जुड़ी खबरें मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई हैं। ऐसी ही एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मस्क ने ट्विटर की बागडोर संभालते ही कंपनी के कर्मचारियों को हफ्ते के सातों दिन 12-12 घंटे की शिफ्ट करने को कहा है। इसका मतलब है कि उन्हें हफ्ते में 84 घंटे काम करना पड़ेगा। बता दें कि मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद कुछ ही घंटों में तत्कालीन सीईओ पराग अग्रवाल समेत कई लोगों को कंपनी से बाहर निकाल दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बीते शुक्रवार को कर्मचारियों को कुछ टास्क दिए गए थे। लोगों का मानना है कि यह कर्मचारियों की कड़ी मेहनत करने की क्षमता की परीक्षा है। मस्क ने ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदा है, जिसके बाद से कंपनी में छंटनी की आशंका जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार ट्विटर के कुछ इंजीनियरों को वीकेंड पर काम करने के साथ-साथ कोडिंग प्रोजेक्ट्स पर भी काम करने को कहा गया है।

कर्मचारी कर रहे ओवरटाइम

एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद कई बड़े बदलाव किए हैं। हाल ही में सबसे बड़ा बदलाव ट्विटर की वेरिफिकेशन प्रक्रिया में किया गया है। यूजर्स को अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ब्लू टिक हासिल करने के लिए आठ डॉलर प्रति माह का भुगतान करना पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कर्मचारियों को पता नहीं है कि उन्हें अतिरिक्त काम के बदले भुगतान मिलेगा या नहीं। वे यह भी नहीं जानते हैं कि ओवरटाइम करने के बावजूद उनकी नौकरी बचेगी या नहीं।

दफ्तर में सोने को मजबूर हुए कर्मी

मीडिया में चल रही एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार मस्क टेस्ला के 50 से अधिक भरोसेमंद कर्मचारियों को ट्विटर में लेकर आए हैं, जिनमें ज्यादातर सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। ट्विटर के कई कर्मचारी इस डर में काम कर रहे हैं कि तय समय पर काम पूरा नहीं हाने पर उनकी नौकरी जा सकती है। कुछ मैनेजरों ने एक समाचारपत्र से बातचीत में बताया है कि कम के दबाव के चलते उन्हें बीते शुक्रवार और शनिवार को रात दफ्तर में ही गुजारनी पड़ी।