युगांडा में जानलेवा इबोला वायरस का खतरा काफी बढ़ गया है। यहां इबोला वायरस तेजी से फैल रहा है। युगांडा सरकार ने अब तक इबोला वायरस के 18 मामलों की पुष्टि की है। साथ ही इसके 18 संभावित मामले बताए गए हैं। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस के फैलने की आशंका के बीच कहा कि इसके लिए अभी तक एक भी टीका नहीं मिला है। स्वास्थ मंत्रालय ने कहा कि इस वायरस के कारण 23 लोगों की मौत हुई है। इसमें पांच की पुष्टि हुई और 18 संभावित मौतें हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस वायरस के प्रकोप से बचाव व मदद करने के लिए पूर्वी अफ्रीकी देश में एक टीम भेजी है।

1. युगांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुबेंडे,कायगेगवा और कसांडा जिलों से इबोला वायरस के 18 मामलों की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इबोला के 18 और संभावित मामले भी दर्ज किए गए हैं। वायरस से कुल 23 लोगों की मौत हुई है। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि इनमें से पांच की पुष्टि इबोला से हुई है और 18 संभावित मौतें हैं।

2. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वास्थ्य संकट से निपटने में मदद करने के लिए पूर्वी अफ्रीकी देश में एक टीम भेजी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस वायरस का कोई इलाज नहीं है। मामलों का जल्द पता लगाने और लक्षणों के उपचार से बचने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

3. डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि एक टीका जो इबोला-जैरे स्ट्रेन के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी है। वह इबोला-सूडान स्ट्रेन के खिलाफ क्रॉस-प्रोटेक्शन प्रदान नहीं करता है।

4. इस वायरस का मौजूदा प्रकोप सबसे पहले मुबेंडे जिले के एक छोटे से गांव में सितंबर की शुरुआत में शुरू हुआ था। 20 सितंबर को युगांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2019 के बाद से अत्यधिक संक्रामक इबोला वायरस से देश की पहली मृत्यु की घोषणा की थी।

5. इबोला वायरस में एक रक्तस्रावी बुखार शामिल है। इसके लक्षणों में शरीर की तीव्र कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, गले में खराश, उल्टी, दस्त और अन्य लोगों के बीच चकत्ते शामिल हैं।