भोपाल । कृषि विभाग द्वारा जिले में 25 हजार टन यूरिया और 15 हजार टन डीएपी उपलब्ध होने का दावा किया जा रहा है। इसके बाद भी सोसायटियों में अन्नदाता को खाद के लिए लंबी लाइनें लगाकर मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके बाद भी उनको खाद समय पर नहीं मिल पा रही है। दरअसल सोसायटियों में मौजूद अधिकारी-कर्मचारी यूरिया उपलब्ध नहीं होने की बात कह रहे हैं या फिर किसानों के फिंगर प्रिंट नहीं मिल पाने पर लौटा रहे हैं। इस वजह से जमीनी स्तर पर खाद को लेकर समस्या बनी हुई है।
ग्राम भमौरा के किसान मोहर सिंह गुर्जर ने बताया कि गेहूं की फसल की बोवनी का समय चल रहा है। कई जगहों पर बोवनी हो चुकी है तो कई जगहों पर होना अभी बाकी है। शुरुआत में डीएपी का टोटा था अब यूरिया नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए लंबी लाइनें लगाकर इंतजार करना पड़ता है। सोसायटी में मौजूद कर्मचारी सर्वर डाउन मशीन में थंब नहीं लग पाने आदि का बहाना बनाकर लौटा रहे हैं। किसानों को समय पर यूरिया नहीं मिल पा रहा है जो कि गेहूं की फसल के लिए सबसे उपयोगी उर्वरक है।
कालाबाजारी से इन्कार नहीं
जिला पंचायत सदस्य विक्रम भालेश्वर ने बताया कि बैरसिया की सोसायटियों में खाद बहुत ही कम मिल रहा है। यदि कृषि विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि पर्याप्त मात्रा में यूरिया और डीएपी उपलब्ध है तो फिर किसानों को दिया क्यों नहीं जा रहा है। ऐसे में खाद की कालाबाजारी से इन्कार नहीं किया जा सकता है।