हावड़। 21 फरवरी का दिन कई मायनों में खास है। एक तरफ आज अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है, जो पूरे देश में मनाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर आज श्री रामकृष्ण परमहंस की 188वीं जयंती भी मनाई जा रही है।उनके जयंती के अवसर पर बेलूर मठ को सजाया गया। सुबह साढ़े चार बजे से एक के बाद एक रस्में शुरू निभाई जा रहीं हैं। बेलूर मठ परिसर में हर साल की तरह आज दिनभर सैकड़ों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता नजर आ रहा है।
सुबह 4:30 बजे मुख्य मंदिर में मंगलाआरती के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। वहां वेदों का पाठ और भजन गाए गयें। तब भिक्षुओं और भक्तों ने बेलूर मठ के मैदान का चक्कर लगाया और उषा कीर्तन का जाप किया। बेलूर मठ के अधिकारियों की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, कई स्वामीजी विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। प्रातः 10:30 से 11:25 बजे तक श्री श्री रामकृष्ण लीला प्रसंग वाचन एवं व्याख्या का कार्यक्रम चला। इसमें स्वामी अमितेशानंद महाराज शामिल हुए और बांसुरी वादन 11:30 से 12:20 मिनट तक हुई।
इसके बाद एक गाथागीत हुई जिसमें नरेंद्रपुर रामकृष्ण मिशन के छात्रों भाग लिया। श्री रामकृष्ण के जीवन और शब्दों पर भजन, धर्म सभा, कई वाचन और व्याख्याएं भी हुई। इसमें स्वामी सुबीरानंद महाराज, स्वामी चेंतानंद महाराज, स्वामी ईश्वरानंद महाराज और स्वामी राघवेंद्र नंद महाराज शामिल हुए। बेलूर मठ परिसर में सुबह से ही असंख्य श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखा जा रहा है। साथ ही दर्शकों को खिचड़ी का लुत्फ उठाने की व्यवस्था की गई है। कोरोना के उपरांत बेलूर मठ में श्री श्री रामकृष्ण परमहंस की 188वीं जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जा रही है। पूरे महोत्सव को बेलूर रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन और बेलूर मठ के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल के माध्यम से लाइव स्ट्रीम किया गया।