नियमों का उल्लंघन कर की गई लोकतंत्र की हत्याः निलय डागा 

बोले विधायक-बैतूल पुलिस के खिलाफ पूछे गये सी.डी.आर. कांड के प्रश्न को नजर अंदाज कर किया मेरे विशेषाधिकार का हनन।

बैतूल। विगत दिनों बैतूल पुलिस द्वारा अनाधिकृत रूप से जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, व्यापारियों और कुछ गणमान्य नागरिकों के सी.डी.आर. निकाले जाने का मामला सामने आया था। इस मामले की गम्भीरता को देखते और समझते हुए बैतूल विधायक निलय डागा ने प्रेसवार्ता आयोजित कर जहां मीडिया को इस पूर मामले की जानकारी देते हुए इसका खुलास किया था, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री, ग्रह मंत्री, पुलिस महानिदेशक, अति.पुलिस महानिदेशक (राज्य सायबर सेल) भोपाल, अति. पुलिस महानिदेशक (इंटेलिजेंस शाखा) भोपाल, आई.जी. नर्मदापुरम संभाग से करते हुए जहां संपूर्ण प्रकरण की जांच की मांग की थी। वहीं विधानसभा में प्रश्न लगाकर सरकार से जवाब भी मांगा था, लेकिन इस गंभीर मामले में जहां वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से जांच तक नहीं की गई वहीं विधानसभा में इस मामले को माननीय विधानसभा महोदय के आदेश उपरांत अस्वीकृत कर दिया गया। 

-- लोकतंत्र की हत्या, नियमों का खुला उल्लंघन करने का लगाया आरोप--

इस पूरे मामले को लेकर बैतूल विधायक निलय डागा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा में जनप्रतिनिधियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों को लेकर जो नियम और शर्ते बनाई गई है उन नियमों का खुला उल्लंघन कर मेरे द्वारा पूछे गये प्रश्न का जवाब न देते हुए इसे अमान्य किया जाना लोकतंत्र की हत्या से कम नही हैं और विधानसभा में नियमों के खिलाफ जाकर मेरे विशेषाधिकार का हनन किया गया है। विधायक श्री डागा का कहना है कि इस पूरे मामले को ओर विधानसभा परिषद की समिति को दिये जाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की गई हैं।

-- इन प्रश्नों का मांगा था जवाब--

दरअसल, बैतूल विधायक निलय डागा ने सम्मानित जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों और व्यापरियों से संबंधित इस मामले को विधानसभा में इसलिए उठाया था ताकि इस पूरे मामले में सरकार से जवाब मांगा जाए कि आखिर सम्मानित जनप्रतिनिधियों, पत्रकारो और व्यापारियों की निजता का हनन क्यों और कैसे किया जा सकता है। प्रमुख सचिव म.प्र. विधानसभा को दिए गए प्रपत्र में तारांकित प्रश्न क्रमांक -1682 में श्री डागा द्वारा पूछा गया था कि-

1. क्या म.प्र . पुलिस द्वारा आमजनों की सी.डी.आर. (कॉल डिटेल रिकार्ड) निकालने के क्या-क्या नियम है। सी.डी.आर. निकालने के पूर्व किस सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होती है, और यह किस आधार पर निकाली जाती है ? नियमों सहित सक्षम अधिकारी का पदनाम बताए। बैतूल जिले अन्तर्गत वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में किन-किन जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, व्यापरियों एवं आमजनों की सी.डी.आर. किस - किस आरोपों / प्रकरणों के तहत् निकाली गई ? जानकारी प्रत्येक व्यक्ति के नाम सहित प्रकरण वार, सी.डी.आर. के रिकार्ड सहित उपलब्ध करावें। 3. क्या बैतूल जिले में किसी जनप्रतिनिधि द्वारा सी.डी.आर . के संबंध में पुलिस महानिदेशक भोपाल को पत्र लिखा गया हैं ? 4. यदि हां तो उपरोक्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नही तो कार्यवाही न करने का कारण बतावें। 5. क्या उक्त पत्र पर कार्यवाही करने पर विचार किया जा रहा हैं ? हाँ या नही।

--क्या कहते है नियम--

मध्यप्रदेश विधानसभा में विधानसभा सत्र के दौरान जनप्रतिनिधियों (विधायकों ) यह अधिकार दिए गए है कि वह आमजनता या फिर प्रशासनिक मुद्दों को लेकर विधानसभा में प्रश्न पूछकर इसकी जानकारी ले सकते है, जिसके लिए बकायदा संविधान के अनुरूप नियम एवं शर्ते भी बनाई गई। लेकिन इसके बावजूद इन नियम शर्तो का खुला उल्लंघन कर बैतूल विधायक निलय डागा द्वारा जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, व्यापारी व गणमान्य नागरिकों की निजता से संबंधित पूछे गये सवालों को अवमान्य कर दिया गया। मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा बनाये गये नियमों और शर्तों के मुताबिक कंडिका - 36 के नियम क्रमांक -6 में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि विधायकों द्वारा पूछे गये प्रश्न में ऐसे किसी तथ्य विशेष का उल्लेख न होगा। जिस पर न्यायिक विनश्चय लंबमान हो तथा उसमें न्यायालय के विनश्चय अभ्युक्ति न की जाएगी। इसी तरह कंडिका- 36 के नियम क्रमांक-19 में स्पष्ट उल्लेख है कि विधानसभा में साधारणतः ऐसे विषयों के बारे में नही पूछा जाएगा जो न्यायिक या अर्द्वन्यायिक कृत्य करने वाले किसी सांविधिक न्यायाधिकरण या सांविधिक प्राधिकारी के या किसी विषय की जांच या अनुसंधान करने के लिए नियुक्त किसी आयोग या जांच न्यायालय के सामने विचाराधीन हो। लेकिन इन दोनों नियमों के दायरे में आने के बावजूद विधानसभा के सी.डी.आर. मामले को लेकर पूछे गये प्रश्न को लेकर अमान्य कर देना न्यायसंगत नही है। 

--लोगों की निजता की लडाई आखिरी दम तक लडूंगा--

बैतूल विधायक निलय डागा ने कहा कि इस अतिगंभीर मामले सी.डी.आर. कांड में मैने विधानसभा प्रश्न लगाया था। मेरे अधिकारों का हनन करते हुए मेरे सवाल को सरकार द्वारा अवमान्य कर दिया गया। इसके लिए मैने विधानसभा अध्यक्ष से संरक्षण मांगा है, कि मेरे प्रश्न का जवाब दिया जाए और इस प्रश्न का जवाब नही मिलता है तो मैने अध्यक्ष से निवेदन किया है कि इसका जवाब नहीं मिलता है तो जो विधान समिति है उसमें इस प्रकरण को भेजा जाए और इसका परीक्षण कराया जाए कि इस प्रश्न को कैसे और किस आधार पर अवमान्य कर दिया गया। दोषी अधिकारियों पर इस पर कार्यवाही की जाएं क्योंकि विधानसभा सदस्य के सवाल को बिना किसी कारण के अवमान्य नही किया जा सकता है। बैतूल विधायक निलय डागा ने यह स्पष्ट करते हुए कहा है कि इस प्रकरण में मैं हर लडाई लडूंगा क्योंकि लोगों की निजता का जो हनन हुआ है इसकी आखिरी दम तक लडाई लड़ी जाएगी और दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही भी करवाई जाएगी।