नई दिल्ली । कमोडिटी बाजार के जानकारों और कारोबा‎रियों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने से भारत में शादी के मौसम के दौरान खपत कम हो सकती है लेकिन दूसरी तरफ दुनिया में सोने के सबसे बड़े खरीदार चीन में इस साल सोने की मांग में मजबूती बनी रहने की संभावना जताई जा रही है। इससे सोने के भाव को बल मिल सकता है। बता दें कि कुल वैश्विक सोने की मांग में चीन और भारत की हिस्सेदारी आधे से ज्यादा है। सोने की बेंचमार्क स्पॉट कीमतें हाल ही में 2,164.09 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं थी। बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद मजबूत होने से सोने में तेजी आई है। बता दें की ब्याज दरों में कटौती से ट्रेजरी बॉन्ड और डॉलर जैसे एसेट क्लॉस का कीमतों में कमी आती है। वहीं जीरो यील्ड पेपर ग्लोड जैसे एसेट्स की अपील बढ़ने से सोने की कीमतों में तेजी आती है। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सोने के उपभोक्ता और एक बड़े आयातक भारत में सोने घरेलू कीमतें बढ़कर रिकॉर्ड 65,587 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई हैं। कीमतों में बढ़त के कारण सोने की मांग में गिरावट आई है। जिसके कारण डीलरों को आधिकारिक घरेलू कीमतों पर लगभग 14 डॉलर प्रति औंस की छूट देने का कदम उठाना पड़ा है। इसमें 15 फीसदी आयात और 3 फीसदी बिक्री शुल्क शामिल है। जबकि पिछले सप्ताह सोना 1 डॉलर प्रति औंस प्रीमियम पर था। कारोबा‎रियों का कहना है कि उपभोक्ता मौजूदा भाव पर सोने से दूर ही रहेंगे। अगर कीमतें इतनी ज्यादा रहीं तो यह मौजूदा शादियों के मौसम के दौरान मांग पर निगेटिव असर पड़ेगा।