कांग्रेसियों को न तो मध्यप्रदेश से प्यार है और न ही यहां की जनता से। पार्टियों की विचारधारा अलग हो सकती है, इसका मतलब यह नहीं कि प्रदेश को ही चौपट प्रदेश कहा जाए। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सत्ता हासिल करने के फेर में न तो जनता की हो पाई और न ही उसे मध्यप्रदेश से कोई लगाव है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपरोक्त बातें कमलनाथ द्वारा मध्यप्रदेश को चौपट प्रदेश कहे जाने के जवाब में कहीं। सीएम ने कहा कि जनता या प्रदेश को गलत कहना कांग्रेस की मंशा को स्पष्ट करता है। विपक्षी पार्टी को यदि नेताओं से कोई शिकायत होती है तो वह एक दूसरे पर तंज कर सकते हैं, आरोप भी लगा सकते हैं, लेकिन कांग्रेस का प्रदेश को ही चौपट प्रदेश कहना सीधे तौर पर यह बताता है कि पार्टी के नेता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को चौपट प्रदेश कहना प्रदेश का अपमान है और फिर कांग्रेस यहां लंबे समय से सत्ता में है ही नहीं, तो उनकी यह बयानबाजी किसी सूरत में सही नहीं कही जा सकती। प्रदेश की जनता इस बात को भलीभांति जानती है कि जनता के हित के लिए सरकार द्वारा किस तरह लाभकारी योजनाएं शुरू की गईं। कांग्रेस मध्यप्रदेश को बदनाम कर रही है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय निवेश और प्रोजेक्ट शुरू होने से ग्लोबल स्तर पर मध्यप्रदेश की छवि एक उन्नत प्रदेश के रूप में उभरी है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यदि मुझसे राजनीतिक बैर है तो मुझे गालियां दो, प्रदेश का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। सीएम ने कहा कि पूर्व में कांग्रेस के शासन काल में सही मायने में प्रदेश को चौपट करने की सभी कोशिशे की गईं, आदिवासियों को मिलने वाली सहायता राशि बंद कर दी गई, अब प्रदेश उन्नति का प्रदेश है। मध्यप्रदेश की धरती वीरता और शौर्य की कहानी कहती है, यह वो धरा है जहां धन संपदा, वन संपदा, खनिज संपदा, जन संपदा, प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। यहां के लोग सांस्कृतिक मूल्यों का पालन करने वाले भोलेभाले लोग है, ऐसे प्रदेश को चौपट प्रदेश कहने से पहले कमलनाथ को सौ बार सोचना चाहिए। मध्यप्रदेश का अपमान देश का अपमान है।