ग्वालियर  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा ग्वालियर के नवीन जिला पंचायत भवन, संयुक्त राजस्व भवन और वीर सावरकर सरोवर कटोरा ताल का लोकार्पण किया। इन सभी कार्यों की संयुक्त लागत करीब 75 करोड़ रुपए है। 

मिले यह तोहफे

शिवराज ने 3 करोड़ 71 लाख की लागत से बने जिला पंचायत भवन, 65 करोड़ की लागत के संयुक्त राजस्व भवन और 5 करोड़ 75 लाख की लागत के वीर सावरकर सरोवर का लोकार्पण किया। वीर सावरकर सरोवर का जीर्णोद्धार के साथ ही सौंदर्यीकरण किया गया है। ग्वालियर के नवीन संयुक्त राजस्व भवन में संभागीय आयुक्त कार्यालय के साथ ही आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय भी संचालित होगा। नवीन जिला पंचायत भवन के प्रारंभ होने से आमजन को सुविधा प्राप्त होगी। वीर सावरकर सरोवर (कटोराताल) का जीर्णोद्धार कर इसकी शक्ल बदल दी गई है। इसमें ग्वालियर के ऐतिहासिक वैभव की झलक दिखाई देगी। यहां म्यूजिकल फाउंटेन भी बनाया गया है। साथ ही एक लेजर-शो भी होगा जो ग्वालियर के पुरातन और ऐतिहासिक वैभव के साथ नूतन ग्वालियर की झलक प्रस्तुत करेगा। यहां अत्याधुनिक प्रकाश व्यवस्था भी की गई है।

किसी से नहीं रहेगा पीछे

शिवराज चौहान ने ग्वालियर के नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि ग्वालियर के विकास के लिए राज्य सरकार सक्रिय है। यह नगर विकास की दौड़ में किसी से पीछे नहीं रहेगा। ग्वालियर का अपना इतिहास है। यहां शास्त्रीय संगीत से लेकर अन्य समृद्ध सांस्कृतिक परंपराएं हैं। ग्वालियर के हेरिटेज को निरंतर निखारा जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादत्यि सिंधिया, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युन सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह और जल संसाधन एवं मछुआ-कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री तुलसी सिलावट ग्वालियर में उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित थे। राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए।

जल्द होगा ग्वालियर गौरव दिवस

शिवराज चौहान ने कहा कि ग्वालियर को आज तीन नई सौगातें मिली हैं। केंद्रीय नेतृत्व के सहयोग से ग्वालियर के विकास का कार्य हो रहा है। हम सब मिलकर एक अद्भुत ग्वालियर बनायेंगे। ग्वालियर गौरव दिवस भी शीघ्र होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गांवों और शहरों का गौरव दिवस मनाने की शुरुआत सीहोर जिले के गांव जैत से हो चुकी है। यह क्रम जारी रहेगा। किसी ग्राम या नगर के जन्म-दिवस अथवा गौरव दिवस को मनाने का उद्देश्य यही है कि अपने ग्राम और शहर के विकास लिए सभी नागरिक सक्रिय और संवेदनशील रहें। क्षेत्र की विशिष्ट हस्तियां भी गौरव दिवस में उपस्थित हों, यह प्रयास होना चाहिए।