छिंदवाड़ा ।   जिला प्रशासन ने 19 मजदूरों को किया रेस्‍क्‍यू, अमरावती बताकर सतारा सभी को ले गए थे। रेस्‍क्‍यू किए गए लोग हर्रई के रहने वाले बताए जाते हैं। स्‍वजनों ने मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दी थी, जिसके बाद प्रशासन सतर्क हुआ और मजदूरों को मुक्‍त कराया।

तुम लोग नहीं जा सकते

मजदूरों ने बताया कि चार दिनों से काम करा रहे थे, लेकिन मजदूरी नहीं दी। बहुत कहने के बाद सिर्फ सौ-सौ रुपये दिए। फिर बोले जबतक काम समाप्‍त नहीं हो जाता तुम लोग नहीं जा सकते। मजदूरों ने यह बात स्‍वजनों को बताई कि लौटने भी नहीं दे रहे हैं। मजदूरों के स्‍वजनों ने तत्‍काल इसकी जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद प्रशासन ने महाराष्‍ट्र के सतारा जिलाा प्रशासन से बात करके मजदूरों को मुक्त कराया और गांव भेजवाया गया।

बताया था अमरावती ले गए सतारा

हर्रई ब्लॉक के भैंसखो पंचायत लौटे मजदूरों ने बताया कि दो लोगों ने चार सौ रुपये की बात कही थी। हम लोग तैयार हो गए। सभी से बाेला गया कि अमरावती में काम दिला देंगे। हम लोगों ने कहा ठीक है। वहां जाकर पता चला कि अमरावती नहीं सतारा आ गए हैं।

एजेंट ने पहुंचाया सतारा

मजदूरों ने बताया कि ज्‍यादा मजदूरी के फेर में हम लोग राजी हो गए और चले गए। सतारा में चार सौ रुपये मजदूरी न देकर बंधक बना लिया था। बोले कि काम समाप्‍त होने के बाद ही घर जा सकते हो। इससे हम सब मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।

कलेक्टर व एसपी से मदद की गुहार

जिले के मजदूरों को महाराष्ट्र के सतारा में बंधक बनाने का मामला सामने आया था। वहां जबरन मजदूरी कराई जा रही है। वहां पीड़ितों से गन्ने की कटाई कराई जा रही है। पीड़ितों के परिजनों ने कलेक्टर व एसपी के नाम ज्ञापन सौंपकर मदद की गुहार लगाई थी।