भोपाल। राजधानी के नीलबड़ इलाके मे स्थित बिलाबांग हाई इंटरनेशनल स्कूल की बस में चालक हनुमंत जाटव द्वारा तीन साल की मासूम के साथ दुष्कर्म करने ओर उसकी सहयोगी केयर टेकर उर्मिला साहू को उसकी मदद करने के लिये कोर्ट ने शनिवार को दोनो को दोषी करार देने के बाद सोमवार को सजा का फैसला सुना दिया। दोषी बस ड्राइवर हनुमत जाटव को तिहरा  आजीवन कारावास और महिला केयर टेकर उर्मिला साहू को 20 साल के कारावास से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया गया है। घटना बीती 8 सितंबर की है। प्रकरण में अभियोजन संचालन के लिये कलेक्‍टर भोपाल द्वारा विशेष लोक अभियोजक मनीषा पटेल को नामांकित किया गया था। जिन्होने 14 कार्य दिवस में 32 गवाहो के कथन कराने के साथ ही परिस्थितिजन्‍य साक्ष्‍य के संबंध में तर्क पेश किये थे जिनेस सहमत होते हुये विशेष न्‍यायालय ने आरोपियो को दोषसिद्ध किया है। विशेष लोक अभियोजक मनीषा पटेल ने बताया पीड़ित दो बच्चियां हैं इसलिए हनुमत और उर्मिला पर 16-16 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। उन्होने आगे बताया प्रकरण मे बिलाबांग स्कूल के बस ड्राइवर हनुमंत जाटव पर आरोप था कि आठ सितंबर को उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। इसमें बस में मौजूद महिला अटेंडर उर्मिला साहू ने भी बच्ची को नहीं बचाया। इस मामले में बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रबंधन को शिकायत की थी। स्कूल प्रबंधन ने मामले में गंभीरता से नहीं लिया था। जिसके बाद बच्ची के माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने 12 सितंबर को मामला कायम कर आरोपी ड्राइवर और महिला अटेंडर को गिरफ्तार कर लिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने 20 दिन के भीतर 29 सितंबर को 242 पेज का चालान पेश किया था। न्यायालय ने मामले में तीन माह के भीतर ही सूनवाई पूरी होने पर अपना फैसला सुनाया है। लोक अभियोजक के अनुसार गंभीर प्रकरण में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सबूत जुटाने की हरसंभव कोशिश की लेकिन एक भी सबूत नहीं मिला जब घटना सामने आई थी उसी रात बस गैरेज भेज दी गई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद बस को जब्त किया गया। ऐसे में जांच टीम को बस से कोई साक्ष्य नहीं मिले। बस में सीसीटीवी का मेमोरी कार्ड नहीं मिला। ऐसे में सरकारी वकील ने बच्चियों के ब्यान बेहद सतर्कता और बुद्धिमत्ता से कराए। इसे कोर्ट ने विश्वसनीय मानते हुए आरोपियों को दोषी माना। पीड़ित साढ़े तीन साल की बच्ची से पूछने पर उसने आरोपी बस ड़ाइवर हनुमत के बारे में बताया कि अंकल टॉफी देते हैं प्यार करते हैं। वही उससे जब पूछा गया कि कैसे प्यार करते हैं इसके बाद बच्ची ने इशारो मे बताया कि वो प्राइवेट अंगों मे बेड टच करते है ओर कपड़े उतार लेते है। अदालत ने बच्चियों के ब्यनो को ही मुख्य आधार माना। जिसके बाद परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश शैलेजा गुप्ता की अदालत ने मुख्य आरोपी हनुमत जाटव को धारा 376 (एबी) 376 (2) और पॉक्सो एक्ट के तहत और केयर टेकर उर्मिला साहू को धारा 109 और 16817 में दोषी करार दिया था।