वॉशिंगटन । वैज्ञानिकों के अनुसार, सुपरमैसिव ब्लैक होल के आसपास धूल और गैस की मात्रा उनके विकास की गति पर निर्भर करती है। अध्ययन कर्ता वैज्ञानिकों का मानना है की ब्लैक होल विशाल आकाशगंगाओं के बीच मौजूद है।शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया है, जो सुपरमैसिव ब्लैक होल से प्रकाश का विश्लेषण करता है।
माना जा रहा है कि वैज्ञानिकों को इन ब्लैक होल के जीवन चक्र को समझने में आसानी होगी।सुपरमैसिव ब्लैक होल से निकलने वाले प्रकाश का रंग अलग होता है।दरअसल, ये अंतर अलग-अलग एंगल से देखने पर आता है। अध्ययन के मुताबिक, ब्लैक होल गैस और धूल के सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक के चारों ओर से घिरा हुआ था। डार्टमाउथ में पोस्टडॉक्टरल शोध सहयोगी टोनिमा तसनीम अन्ना ने बताया कि “इन वस्तुओं के दस्तक ने शोधकर्ताओं को अधिक समय से रहस्यमयी बना रखा है.”अन्ना द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हालिया अध्ययन के प्रमुख लेखक है।
उन्होंने कहा “अब हम जानते हैं कि भारी छिपे हुए ब्लैक होल के गुण अप्रकाशित एजीएन से काफी अलग हैं.” अध्ययन में, यह देखा गया कि सुपरमैसिव ब्लैक होल के चारों ओर धूल और गैस की मात्रा उनके विकास की गति पर निर्भर करती है।जब ब्लैक होल उच्च दर पर भोजन करते हैं, तो वे चारों ओर धूल और गैस फैलाते हैं जिससे वे ज्यादा चमकीले दिखने लगते हैं.अन्ना ने यह आकलन करने के लिए एक कम्प्यूटेशनल तकनीक विकसित की जिसमे उन्होंने ये पता लगाया कि कैसे अस्पष्ट पदार्थ ने ब्लैक होल के देखे गए गुणों को प्रभावित किया।