सिंधिया, सुमेर सिंह सोलंकी और कविता पाटीदार का नाम चर्चा में 


भोपाल । परिवर्तन के दौर से गुजर रही प्रदेश भाजपा में बदलाव का दौर लोकसभा चुनाव में दिखना तय माना जा रहा है। इसकी वजह है जिस तरह से विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित लोकसभा के 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा गया था, ठीक उसी तरह से लोकसभा चुनाव में कई राज्यसभा सदस्यों को चुनावी अग्रि परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ सकता है। इसके लिए पार्टी में अब गंभीरता से मंथन का दौर शुरु हो गया है। इनमें पहला नाम केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। वे अभी राज्यसभा सदस्य हैं। सिंधिया के अलावा जिन चेहरों को लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है, उसमें सुमेर सिंह सोलंकी और कविता पाटीदार का भी नाम शामिल है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले प्रदेश की अप्रैल में राज्यसभा की 5 सीटें रिक्त हो रही हैं। जिसमें से चार फिलहाल भाजपा और एक कांग्रेस के पास है। प्रदेश में इस बार भी लगभग यही स्थिति रहने वाली है। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री सिंधिया और सांसद सोलंकी का कार्यकाल जून 2026 में समाप्त होना है। इसी तरह से राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार का कार्यकाल जून 2028 तक है। सिंधिया का आगामी लोकसभा चुनाव लडऩा लगभग तय माना जा रहा है। ओबीसी महिला के प्रतिनिधित्व बतौर कविता पाटीदार और अजजा कोटे से सोलंकी का नाम भी लोकसभा प्रत्याशी के रूप में तय मानकर ही चला जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बार जिन लोगों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें से दो दूसरे राज्यों के चेहरों को छोडकऱ बाकी दो अन्य चेहरों को दोबारा राज्यसभा नहीं भेजने का फैसला पार्टी हाईकमान स्तर पर लगभग किया जा चुका है। गौरतलब है कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी द्वारा प्रत्याशी बनने के लिए दावेदारी की गई थी। वे होशंगाबाद-नरसिंहपुर लोकसभा सीट से चुनाव लडऩा चाहते थे।

इनका हो रहा है कार्यकाल समाप्त
मप्र के 11 राज्यसभा सदस्यों में से 5 सांसदों का कार्यकाल अगले साल 2 अप्रैल को पूरा हो रहा है। भाजपा के 4 सदस्यों में से अभी दो सदस्य ऐसे हैं, जो दूसरे राज्यों के हैं, लेकिन वे राज्यसभा में मप्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एल मुरुगन शामिल हैं। दो अन्य अजय प्रताप सिंह और कैलाश सोनी का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। कांग्रेस के एकमात्र राजमणि पटेल हैं। इन सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशी की जीत तय है। इसकी वजह है विधानसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या 163 होना।