जगदलपुर । राहुल गांधी ने शनिवार को जगदलपुर के लालबाग मैदान में सभा की। उनके भाषण का पूरा फोकस आदिवासियों पर रहा। उन्होंने कहा कि, भाजपा के जो नेता हैं वह आदिवासियों को वनवासी कहते हैं। आदिवासियों के लिए आरएसएस और भाजपा ने वनवासी शब्द निकाला है। लेकिन इसमें बहुत अंतर है।
राहुल ने आगे कहा के पीएम मोदी कहते हैं कि देश में सिर्फ एक जाति है वह है गरीब। अगर ऐसा है तो मोदी जी खुद को ओबीसी क्यों कहते हैं? हमने आदिवासियों की जमीनें वापस दिलाई, आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन का हक दिलाया। इसके साथ ही राहुल गांधी ने फिर अडानी को पीएम मोदी का मित्र बताते हुए भाजपा को घेरा।
आदिवासी शब्द का मतलब है कि देश के पहले और असली मालिक। देश के जंगल, जमीन और जल आपके थे जिसे आपके हाथों से भाजपा ने लिया है। इसलिए भाजपा के लोग आदिवासियों को वनवासी कहकर संबोधित करती है। वनवासी शब्द कांग्रेस कभी नहीं स्वीकार कर सकती है। हम ट्राइबल बिल लेकर आए, पेसा कानून लेकर आए, जमीन अधिग्रहण बिल लेकर आए उसमें हमने साफ लिखा था कि, जबतक आदिवासियों की ग्राम सभा इजाजत नहीं देगी तब तक कोई भी आदिवासियों की जमीन नहीं ले सकता है। अगर 5 साल के अंदर किसी इंडस्ट्रियल ने अपना बिजनेस शुरू नहीं किया, तो आदिवासियों को जमीन वापस कर दी जाएगी।
मोदी जी के सबसे बड़े मित्र अडानी जी का यहां आयरन ओर माइनिंग का प्रोजेक्ट था। अरबपति हैं मोदीजी के मित्र हैं। लेकिन कांग्रेस ने उनका प्रोजेक्ट कैंसिल कर के दिखा दिया। हमारे आदिवासी भाई-बहनों ने कहा कि, हमें ये प्रोजेक्ट यहां नहीं चाहिए। क्योंकि आप वनवासी नहीं आदिवासी हो। छत्तीसगढ़ की जमीन आपकी है और इसका हक आपको मिलना चाहिए। मोदीजी ने अपने भाषण में यह कहा कि, हिंदुस्तान में सिर्फ एक जात है वह है गरीब। इसका मतलब वे कह रहे हैं कि हिंदुस्तान में ना आदिवासी है, ना दलित हैं ना पिछड़े हैं। लेकिन हम सब जानते हैं इस देश में आदिवासी भाषा है, आदिवासी संस्कृति है, इतिहास है। देश में दलित हैं जिन्हें परेशान किया जा रहा है, जिन्हें अपमानित किया जाता है और आज हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री कहते हैं कि सिर्फ एक जात है वह गरीब है। अच्छा अगर एक जात है तो खुद को ओबीसी क्यों कहते हो। हर भाषण में खुद को ओबीसी बताते हो।