नई दिल्ली । वीर शहीदों के सम्मान में दशकों से इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में समाहित करने का फैसला हुआ है।शुक्रवार को आयोजित समारोह में ज्वाला के कुछ हिस्से को स्मारक तक ले जाया गया। मोदी सरकार के फैसले का भारतीय सेना के पूर्व अधिकारियों ने स्वागत किया है।उन्होंने इस संतुष्टि’ का पल बताया है।भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक ने कहा, अब स्वभाविक बात यही है कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की स्थापना हो चुकी है और कार्रवाई में जान गंवाने वाले सैनिकों के सम्मान और याद से जुड़े सभी समारोहों को वहां आयोजित किया जा रहा है। करगिल
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कहा, यह मुझे बहुत संतोष देता है कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की ज्वाला को नेशनल वॉर मेमोरियल में समाहित किया जा रहा है।नेशनल वॉर मेमोरियल की डिजाइन के चयन और निर्माण में किसी व्यक्ति के रूप में मैं हमेशा इस दृष्टिकोण का रहा हूं।उन्होंने लिखा, इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों का स्मारक है।अमर जवान ज्योति को 1972 में शामिल किया गया था, क्योंकि हमारे पास दूसरा स्मारक नहीं था।आजादी के बाद हुए शहीदों को नेशनल वॉर मेमोरियल श्रद्धांजलि देता है।श्रद्धांजलि से जुड़े सभी समारोहों को पहले ही नेशनल वॉर मेमोरियल  में भेज दिया गया है।वहीं रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने इस अच्छा फैसलाउ बताकर कहा है, कि सभी को इसपर गर्व होना चाहिए।उन्होंने कहा कि वहां जाते हैं,तब रोंगटे खड़े हो जाते हैं, जिन्होंने कुर्बानी दी है उन्हें सलामी दी जाती है।
बता दें कि समारोह में जलती हुई अग्नि के कुछ हिस्से को इंडिया गेट से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जल रही ज्वाला तक ले जाया गया। इसके बाद इंडिया गेट पर ज्वाला को बुझा दिया जाएगा। इंडिया गेट के पास स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण 40 एकड़ से ज्यादा इलाके में हुआ है और आजाद भारत के लिए शहीद होने वाले 26 हजार से ज्यादा भारतीय सैनिकों का नाम दर्ज है। यहां एक राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय भी है।