अडानी ग्रुप के चेयरमैन इस समय भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे बड़े रईस हैं। उनकी संपत्ति साल 2020 से 2022 के बीच करीब 14 गुना उछली है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है उनकी कंपनियों के शेयरों का बढ़ता भाव। आपके घर के राशन से लेकर कोयले की खदान तक, हवाई अड्डे, रेलवे, बंदरगाह से लेकर बिजली बनाने तक ऐसे दर्जनों कारोबार हैं, जहां गौतम अडानी का ही सिक्का चल रहा है। 

अडानी समूह की कंपनियां
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडानी पावर लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, अडानी टोटल गैस लिमिटेड, अडानी विल्मर लिमिटेड

1981 से अडानी की किस्मत चमकनी शुरू हुई। उनके बड़े भाई ने उन्हें अहमदाबाद बुलाया। बीबीसी के मुताबिक उनके भाई ने सामानों को लपेटने वाली प्लास्टिक की एक कंपनी खरीदी थी मगर वो चल नहीं पा रही थी। कंपनी को कच्चे माल की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पा रही थी। इसे एक अवसर में बदलते हुए अडानी ने कांडला पोर्ट पर प्लास्टिक ग्रैनुएल्स का आयात शुरू किया और 1988 में अडानी एंटरप्राइज़ लिमिटेड बनी। इसने मेटल, कृषि उत्पाद और कपड़ा जैसे उत्पादों की कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू की। कुछ ही साल में ये कंपनी और अडानी इस बिजनेस में बड़ा नाम बन गए।
 
अडानी ने सितंबर 2020 में भारत के दूसरे सबसे व्यस्त मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में 74% हिस्सेदारी हासिल की। अब वह देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा परिचालक है। अडानी हरित ऊर्जा का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक बनना चाहते हैं और उन्होंने कहा है कि वह अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर  70 बिलियन डॉलर तक का निवेश करेंगे। 15 फरवरी 2022 को इनकी संपत्ति 83.6 अरब डॉलर पर पहुंची और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 11वें नंबर पर पहुंच गए। ठीक दो महीने बाद 15 अप्रैल को अडानी की संपत्ति 121.7 अरब डॉलर हो गई और दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में छठे स्थान पर काबिज हो गए हैं।