*धारा 151 के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत, अस्पताल में तोड़ा दम* 
*परिजनों ने पुलिस-एसडीएम पर लगाये गंभीर आरोप, मामले की न्यायिक जांच* 

भैंसदेही। पुलिस हिरासत में लिए गए एक युवक की मंगलवार रात अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। युवक को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर एसडीएम कोर्ट में पेश किया था। जहां से उसे जेल भेज दिया था। फिलहाल युवक के शव को भैंसदेही में पोस्ट मार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया है। इधर युवक की मौत के मामले में न्यायिक जांच चल रही है। भैंसदेही टीआई जयंत मसकोले ने बताया कि पिपलनाखुर्द निवासी युवक राहुल चंपालाल (23) को मंगलवार शांति भंग करने के आरोप में प्रकरण बनाकर एसडीएम भैंसदेही के कोर्ट पेश किया था। जहां उसका जमानत आवेदन खारिज कर दिया गया था। जिसके बाद उसे जेल भेजा जाना था। जिसके लिए उसका मेडिकल परीक्षण कराया जाना था, मेडिकल के लिए उसे अस्पताल ले जाए जाने पर उसकी तबीयत वहीं बिगड़ गई थी। तब पुलिस कर्मी उसका इलाज करवाकर थाने ले आए थे। रात करीब 11 बजे उसके पेट में दर्द उठने पर उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। 
*परिजनों ने पुलिस और एसडीएम पर लगाये गंभीर आरोप -* 
इधर मृतक राहुल के मामा रतिराम बारस्कर, मौसी की लड़की (बहन) जया जावरकर ने एसडीएम एवं पुलिस विभाग पर गंभीर आरोप लगाये है। राहुल के मामा ने बताया कि राहुल किसी महिला को मायके छोडऩे के लिए गया था। इसके बाद पुलिस ने धारा 151 में राहुल को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश किया। राहुल पहले से बीमार नहीं था। यदि एसडीएम कोर्ट से राहुल की जमानत हो जाती तो राहुल की तबीयत नहीं बिगड़ती। राहुल के मामा ने इस मामले में कड़ी कार्रवाही की मांग की।
*मृतक के पिता ने की मुआवजे की मांग -* मृतक के पिता चंपालाल ने मुआवजा दिये जाने की मांग की है। मृतक के पिता चंपालाल का कहना है कि मृतक राहुल हमारे भरण-पोषण का सहारा था। उसके चले जाने के बाद हम बेसहारा हो गये है। राहुल की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। इसलिए सरकार हमे मुआवजा दे और इस मामले में जो भी दोषी है, उन पर कड़ी कार्रवाही की जाये।  
*इनका कहना है -* 
राहुल चंपालाल (23) निवासी पिपलनाखुर्द को शांति भंग करने के आरोप में प्रकरण बनाकर एसडीएम भैंसदेही के कोर्ट पेश किया था। जहां उसका जमानत आवेदन खारिज कर दिया गया था। युवक की तबीयत बिगडऩे पर अस्पताल में भर्ती कराया था। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। 
*शिवचरण बोहित, एसडीओपी, भैंसदेही*