हिंदू पंचाग के अनुसार, सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है. 19 वर्षों के बाद साल 2023 में सावन पर बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस महीने को काफी पवित्र माना भी जाता है.

इस बार का सावन का महीना कुछ खास रहने वाला है, क्योंकि यह करीब 2 महीनों का रहेगा. ऐसे में लाजिमी है कि लोगों को भगवान की भक्ति के लिए एक महीने का समय अतिरिक्त मिलेगा.

इस बार सावन का महीना 04 जुलाई से शुरू हो रहा है जिसका समापन 31 अगस्त को पूर्णिमा के दिन होगा. यानी कुल 59 दिन तक सावन चलेगा. आपको बता दें कि इस बार सावन के महीने में 19 साल बाद मलमास भी पड़ रहा है.

ज्योतिषियों के अनुसार, हिंदू पंचांग की गणना सौर और चंद्रमा की चाल से होता है. बता दें कि सौरमास 365 दिन और चंद्रमास 354 दिन का होता है. 11 वर्ष का अंतर हर 3 वर्ष में तैंतीस दिन का होता है, जिसे अधिकमास कहा जाता है. जिस कारण इस साल (2023) में पड़ रहा है.

रात में शिवलिंग की पूजा करते समय अपना मुंह उत्तर दिशा की तरफ रखें. वहीं, शिवजी के मंत्रों का जाप करते समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें.शिवलिंग का अभिषेष दूध के साथ करें और उनको बेलपत्र, धतुरा, भांग जरूर चढ़ाएं. शिवलिंग को हमेशा खुले और रोशनी वाली जगह पर ही रखें. पूजा करते समय उत्तर दिशा में नहीं बैठें. पूजा में तिल के तेल का प्रयोग करें. मंत्रोच्चार करते समय सुपारी, पंच अमृत, नारियल और बेल की पत्तियां चढ़ाएं. व्रत कर रहे हैं तो सावन व्रत कथा का पाठ करें और महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप करें. संध्याकाल में पूजा खत्म होने के बाद पारण करें और सामान्य भोजन करें.