नई दिल्ली। जीएसटी रजिस्ट्रेशन के दौरान गलत एड्रेस ‎मिला तो 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। ‎‎विभाग द्वारा गलत एड्रेस भरने और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के फर्जी दावों से टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। बता दें कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) इसके लिए 16 मई से 15 जुलाई तक दो महीने तक केंद्र और राज्यों के सभी टैक्स डिपार्टमेंट विशेष अभियान चलाने की तैयारी कर रहे हैं। इस अभियान के दौरान संदिग्ध जीएसटी अकाउंट्स की पहचान करके फर्जी बिलों को जीएसटी नेटवर्क (जीएटीएन) से बाहर कर दिया जाएगा। वहीं टैक्स बचाने के लिए किसी भी तरह की गतिविधि में शामिल पाए जाने पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन को रद्द भी किया जा सकता है। इस अभियान के तहत कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार की ओर से संदिग्ध डीलरों और व्यापारियों की लिस्ट तैयार करके राज्यों को दी गई है। राज्यों के टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारी 15 मई से इस अभियान की शुरुआत करेंगे। जीएसटी में फर्जीवाड़ा टैक्स चोरी रोकने के इस अभियान में जीएसटी में रजिस्टर्ड सभी बिजनेस और दुकानों के लिए उपलब्ध कराए गए एड्रेस को अधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर वेरिफाई किया जाएगा। वहीं किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
आपको बता दें कि यह अभियान गलत तरीके से टैक्स बचाने वाले और जीएसटी रजिस्ट्रेशन में सही जानकारी नहीं देने वाले व्यापारियों के खिलाफ चलाया जा रहा है। इसमें उन व्यापारियों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है जिन्होंने टैक्स चुकाने और जीएसटी रजिस्ट्रेशन में ईमानदारी से काम लिया है। हालांकि, टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से भी यह कोशिश की जा रही है कि किसी भी जेनुइन व्यापारी को इस अभियान के चलते परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
टैक्स चोरी पकड़ने के लिए इस तरह के अभियान पहले भी चलाए जाते रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी कलेक्शन से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर कुछ ऐसे व्यापारियों की लिस्ट तैयार की गई है जिनका प्रॉफिट और जीएसटी रिटर्न संदिग्ध पाया गया है। बता दें कि 2020 के नवंबर महीने में देशभर में चलाए गए इसी तरह के एक अभियान के दौरान 60 हजार करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था। साथ ही, उस समय करीब 700 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।