भोपाल । बारहवीं के बाद स्टूडेंट्स का एडमिशन मन पसंद विश्वविद्यालय में हो सके। इसके लिए स्कूलों में तैयारी कराई जाएगी। यह निर्णय राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड एवं महर्षि-पतंजलि संस्कृत संस्थान के तत्वाधान में हुई वार्षिक कॉन्फ्रेंस के दौरान लिया है। इस कॉन्फ्रेंस में नेपाल, यूएसए, मॉरिशस आदि देशों सहित भारत के विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्ड के 70 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। अधिकतर लोगों ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) की तैयारी 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को कराने और उसके हिसाब से सिलेबस में बदलाव करने पर अपनी सहमति दी।
इस साल बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से प्रवेश हुआ था, लेकिन विद्यार्थियों की तैयारी न होने के कारण विश्वविद्यालयों में सीटें खाली रह गईं थीं। बीयू के पांच कोर्सों की 223 सीटों में एडमिशन लेने के लिए लगभग 12 हजार स्टूडेंट्स ने सीयूआईटी में भाग लिया था। इसमें मप्र के अलावा देश के अन्य राज्यों के विद्यार्थी शामिल हैं। करीब एक माह चली प्रक्रिया के करीब 250 विद्यार्थियों ने ही एडमिशन लिया था। पीआर तिवारी डायरेक्टर, राज्य ओपन बोर्ड का कहना है कि कॉफ्रेंस में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) और ऑनलाइन पढ़ाई पर चर्चा की गई। यदि 12वीं की पढ़ाई के साथ ही विद्यार्थियों सीयूईटी की तैयारी कराई जाएगी, तो ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को अच्छे विवि में एडमिशन मिल सकेगा। डॉ. चांद किरण सलूजा, डायरेक्टर, संस्कृत प्रमोशन फाउंडेशन, नई दिल्ली का कहना है कि सीयूईटी का सबसे बड़ा फायदा है कि विद्यार्थियों को अलग-अलग विश्वविद्यालय के लिए अलग-अलग टेस्ट नहीं देना पड़ेंगे। यदि इसकी तैयारी 12वीं से हो तो विद्यार्थियों को आसानी होगी। पहले साल भले ही इसमें एडमिशन की स्थिति बहुत अच्छी न रही हो, लेकिन धीमे-धीमे सुधार आएगा।
ये होगा पाठ्यक्रम
टेस्ट का सिलेबस सीयूईटी के 12वीं क्लास के सिलेबस से मिलता जुलता ही है। सीयूईटी की परीक्षा 13 भाषाओं में आयोजित की गई थी। छात्र अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी भाषा चुन सकते हैं। जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिय़ा, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू शामिल हैं। सीयूईटी एक कॉमन टेस्ट है जिसमें मिले नंबर के आधार पर स्टूडेंट देश की किसी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकते हैं। इसमें 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों को वेटेज नहीं दिया जाता। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ये टेस्ट कराती है। इससे छात्रों को अलग-अलग यूनिवर्सिटी के लिए अलग-टेस्ट नहीं देना होगा।