लंपी वायरस को ग्रामीण माता समझ कर रहे पूजा पाठ, ग्रामीणों ने बनाया अजीब नियम देखें ये रिपोर्ट


अनिल वर्मा 


Betul mp l  बैतूल जिले में तेजी से फैल रहे लंपि वायरस के चलते अब तक सैकड़ों मवेशियों की मौत होने के बाद अब ग्रामीण इलाकों में लोग अब भगवान की शरण में पंहुच रहे है और पूजा पाठ कर लंपी वायरस से अपने मवेशियों को बचाने की कोशिश कर रहे है  साथ ही गांव में कुछ कड़े नियम भी लागू किए गए है । इसकी एक बानगी जिले में बैतूल बाजार के पास  ग्राम आरुल में देखने मिली जहां लंपि वायरस को दूर करने ग्रामीणों ने मिलकर एक फैसला लिया है जिसके तहत गाँव मे अगले 9 दिनों तक कोई भी मांसाहारी भोजन नहीं करेगा । अगर कोई इस नियम को तोड़ेगा तो उस पर 501 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा साथ ही गाँव की महिलाएं 9 दिनों तक लगातार गाँव के देव स्थानों में जल चढ़ाकर लंपि वायरस दूर करने का अनुष्ठान भी करेंगी । 


वैसे तो नवरात्र के दौरान  मन्दिरों में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की कतारें देखी जाती हैं लेकिन बैतूल के आरुल गाँव मे इन दिनों नवरात्र जैसा ही नजारा है । हाथ मे जल लिए महिलाएं गाँव के देव स्थानों पर जल चढ़ाने खड़ी हैं। कारण जानकर आप हैरान हो जाएंगे । ये कोई त्यौहार नहीं बल्कि लंपि वायरस से मुक्ति के लिए हो रहा अनुष्ठान है जो अगले 9 दिनों तक जारी रहेगा । ग्रामीण महिला सोमता बाई का कहना है की मवेशियों में बीमारी आ गई है जो की डाक्टरी इलाज से ठीक नही हो रही है इसलिए हम गांव वालों ने मिलकर भगवान की पूजा पाठ रखी है ताप्ती नदी पर जाकर स्नान कर गांव में पूजा शुरू की है और पूरे गांव ने निर्णय लिया है की 9दिनों तक पूजा पाठ चलेगी इस दौरान गांव में कोई भी शराब नहीं पिएगा और ना ही मांसाहार का सेवन करेगा यदि कोई ये नियम तोड़ेगा तो उस पर पूरी पूजा पाठ का खर्च लिया जाएगा l

 

                 बैतूल जिले में पिछले तीन महीने से लंपि वायरस पैर पसार रहा है । जिले में अब तक सैकड़ों मवेशियों की मौत हो चुकी है वहीं लगभग हर गाँव मे लंपि वायरस से पीड़ित मवेशी हैं जिससे ग्रामीणों में खौफ है।  पशु चिकित्सा विभाग लंपि वायरस की रोकथाम में सुस्त नजर आ रहा है जिससे अब ग्रामीण भगवान और तंत्र मंत्र का सहारा ले रहे हैं।  


 ग्रामीण नारायण परते ने बताया कि गांव में मवेशियों पर माता निकली है जिससे पूरे शरीर पर गुठली आ गई है इसलिए गांव वाले पूजा कर रहे है  गाँव मे एक नियम बनाया गया है जिसके तहत वायरस का प्रकोप हटने तक अगर कोई भी ग्रामीण मांसाहार का सेवन करेगा तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा । 

 


-पशु चिकित्सा विभाग और प्रशासन ग्रामीणों को ये बात समझाने में नाकाम दिख रहा है कि जब कोरोना जैसी महामारी वैक्सिनेशन से ही काबू में आई तो फिर लंपि वायरस को रोकने के लिए भी केवल और केवल वैज्ञानिक तरीके ही कारगर साबित होंगे।  कहीं ना कहीं ये प्रशासनिक सुस्ती का ही नतीजा है जो लोग अब अंधविश्वास की शरण मे जा रहे हैं ।