नीदरलैंड में वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार के दायरे में शामिल कर लिया गया है। पिछले हफ्ते संसद के निचले सदन ने इससे जुड़ा हुआ एक कानून पारित किया था। अब देश को ऊपरी सदन यानी सीनेट से मंजूरी का इंतजार है। नीदरलैंड में कंपनियां फिलहाल बिना कारण बताए कर्मचारियों की वर्क फ्रॉम होम रिक्वेस्ट खारिज कर सकती है, लेकिन इस कानून के बाद उन्हें कारण बताना होगा।

ग्रोएनलिंक्स पार्टी की सेना माटौग ने कहा- इस बिल के पास होने से कर्मचारियों को जीवन में बैलेंस बनाने में मदद मिलेगी साथ ही ट्रैवलिंग में लगने वाला समय भी बचेगा। माटौग इस बिल को तैयार करने वालों में शामिल हैं। 2015 में नीदरलैंड की संसद में फ्लेक्सिबल वर्किंग एक्ट लाया गया था। इस बिल में कर्मचारियों काम के घंटे, शेड्यूल और यहां तक ​​कि काम की जगह में भी बदलाव के लिए अपील कर सकते हैं। अब वर्क फ्रॉम होने के लिए जो बिल लाया जा रहा है वह 2015 के बिल का ही विस्तार है। नीदरलैंड की संसद में यह बिल ऐसे वक्त आया है जब दुनिया भर की कंपनियां अपने कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुला रही हैं। यूरोपीय देशों में कोरोना महामारी से पहले ही वर्क फ्रॉम होम का कल्चर रहा है। नीदरलैंड में कोरोना से पहले भी 14% लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। 2020 में कोरोना की दस्तक के बाद इसमें रिकॉर्ड उछाल दर्ज किया गया है।