नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने  कहा कि फार्मा क्षेत्र में हमारे पास पहले से ही आवश्यक जनशक्ति और ब्रांड शक्ति है और भारतीय कंपनियां आज शीर्ष वैश्विक पदों पर कब्जा करने के लिए एक मोड़ पर हैं। ऐसे में वैश्विक दवा बाजार पर कब्जा करने के लिए हमें 'वॉल्यूम' से 'वैल्यू' नेतृत्व की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने फार्मा उद्योग के नेताओं से कहा कि यह अनुसंधान, विनिर्माण और नवाचार में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से ज्ञान अर्जित करने और वैश्विक स्तर पर उपस्थिति बढ़ाने के साथ-साथ घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन में तेजी लाने पर केंद्रित अपने मॉडल विकसित करने का समय है। मंडाविया इंडियन फार्मास्युटिकल एलायंस के साथ भारत के फार्मा विजन 2047 और भारतीय फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए रोडमैप पर चर्चा कर रहे थे।
सत्र में भारत में फार्मा उद्योग की वर्तमान स्थिति, पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा की गई प्रमुख पहलों और सहयोगी कदमों पर चर्चा हुई जो भारत को इस दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत को जेनेरिक दवाओं के उत्पादन और मात्रा के आधार पर दुनिया की फार्मेसी के रूप में स्वीकार किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आगे बढ़ने और मूल्य के आधार पर शीर्ष वैश्विक पदों पर कब्जा करने का समय है। इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार उद्योग के अनुकूल नीतियों और पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने वाले निवेशक के साथ फार्मा कंपनियों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।