भोपाल । मप्र में दो मंत्रियों के समूह सरकारी योजनाओं से हितग्राहियों को जोडऩे का काम करेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दो-दो मंत्रियों को तीन- चार जिलों की ग्रुप में जिम्मेदारी दी है। ये मंत्री अपने प्रभार के जिले के साथ इन जिलों में जाकर हितग्राहियों से मिलकर सरकारी योजनाओं की जानकारी और फीडबैक लेंगे। दो - दो मंत्रियों के समूह आवंटित जिलों का दौरा करेंगे। जिले में विकास कार्यों की गुणवत्ता, पात्र व्यक्तियों को हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभ की उपलब्धता की स्थिति का जायजा लेंगे। मंत्रीगण गरीब बस्तियों में जाकर वहां की स्थिति देखेंगे। इसके साथ ही वे बुद्धिजीवियों से भी चर्चा करेंगे। जन सामान्य को जागरूक करने, योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ योजनाओं के क्रियान्वयन व शासकीय गतिविधियों में कमी या दोष पाए जाने पर आवश्यक कार्यवाही भी मंत्री समूह द्वारा की जाएगी। दरअसल प्रदेश भर में मुख्यमंत्री सेवा अभियान चलाया जाएगा। 17 सितंबर से 31 अक्टूबर तक जन सेवा अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश भर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अभियान चलाया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार की हितग्राही योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर बड़ा अभियान है। कलेक्टर और प्रभारी मंत्री अभियान की रूपरेखा तैयार करेंगे। जगह-जगह शिविरों का आयोजन किया जाएगा। सरकारी योजनाओं में सौ प्रतिशत सैचुरेशन लाना मुख्य मक़सद है। अभियान के लिए हर ज़िले में नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे। केंद्र और राज्य की कऱीब 33 योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। शिविरों के लिए लोग पोर्टल पर भी नाम दर्ज करवा सकते हैं।

प्रभार के जिले की व्यवस्था पर नहीं पड़ेगा असर
दो-दो मंत्रियों के समूह में जिलों की जिम्मेदारी सिर्फ 17 सितंबर पीएम मोदी के जन्मदिन से शुरु हो रहे मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान तक ही रहेगी। 17 सितंबर से 31 अक्टूबर तक मंत्रियों के समूह इन जिलों में काम करेंगे। इसके बाद मंत्री अपने प्रभार के जिलों में पहले की तरह जिम्मेदारी संभालेंगे। यह व्यवस्था इसी अभियान के क्रियान्वयन और निगरानी के लिए बनाई गई है।

मंत्री ही तय करेंगे अपने साथियों का काम
सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर बनाए गए मंत्रियों के ग्रुप के कामकाज की रूपरेखा भी मंत्रियों के समूह ही तय करेंगे। मंत्रियों के चार प्रकार के समूह बनाए गए हैं जो मंत्रियों के कामकाज की रूपरेखा तैयार करेंगे।

दो-दो मंत्रियों को मिला जिलों का प्रभार
नरोत्तम मिश्रा, सुरेश धाकड - श्योपुर, सीधी, बैतूल
गोपाल भार्गव, ओमप्रकाश सखलेचा- आगर मालवा, खंडवा, सिंगरौली, झाबुआ
तुलसी सिलावट, भारत सिंह कुशवाह- भिंड, शिवपुरी, शाजापुर, रायसेन
विजय शाह, प्रद्युम्न सिंह तोमर - मंडला, अनूपपुर, उमरिया
जगदीश देवड़ा, इंदर सिंह परमार- ग्वालियर, बुरहानपुर, हरदा
बिसाहू लाल सिंह, रामखेलावन पटेल- धार, रतलाम, मंदसौर
यशोधरा राजे, सिंधिया उषा ठाकुर - विदिशा, कटनी, नीमच
भूपेंद्र सिंह, मीना सिंह - अशोक नगर, मुरैना, सतना, शहडोल
प्रेम सिंह पटेल, ओपीएस भदोरिया - निवाड़ी, पन्ना, नरसिंहपुर
कमल पटेल, गोविंद सिंह राजपूत- देवास, दमोह, उज्जैन
बृजेंद्र सिंह यादव राजवर्धन सिंह दत्तीगांव- जबलपुर, छिंदवाड़ा, राजगढ़, बालाघाट
विश्वास सारंग, बृजेंद्र प्रताप सिंह- सिवनी, छतरपुर, खरगोन
अरविंद भदौरिया, रामकिशोर कावरे- डिंडोरी, गुना, अलीराजपुर, रीवा
प्रभु राम चौधरी, मोहन यादव - टीकमगढ़, होशंगाबाद, इंदौर, बड़वानी
महेंद्र सिंह सिसोदिया हरदीप सिंह डंग- भोपाल, सीहोर, दतिया, सागर

दोहरी जिम्मेदारी से मुक्त होंगे बीजेपी नेता
एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला पर कड़ाई से लागू होगा। निकाय, पंचायत में चुने गए पदाधिकारी मुक्त होंगे। संगठन के कामों से मुक्त होंगे। बीजेपी अध्यक्ष, पार्षद, पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य सरपंचों को पदों से मुक्त करेगी। खाली पदों पर नए कार्यकर्ताओं को मौका देने की तैयारी है।