सियोल. किम जोंग उन ने अधिकारियों पर देश में बढ़ते कोरोना के मामलों से निपटने में अपरिपक्वता और सुस्ती का आरोप लगाया है. इसके अलावा देश के एंटी-वायरस मुख्यालय ने कहा कि अप्रैल के अंत से बुखार के तेजी से फैलने के बीच 62 लोगों की मौत हो गई है और 17 लाख से अधिक लोग बीमार पड़ गए हैं. साथ ही यह भी जानकारी दी है कि एक मिलियन से अधिक लोग ठीक हो गए हैं. लेकिन कम से कम 691,170 आइसोलेशन में हैं.  वहीं बाहरी विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश मामले कोरोना के होंगे. हालांकि उत्तर कोरिया पिछले सप्ताह ही ओमिक्रॉन के कहर के बाद कोरोना के कुछ मामलों को स्वीकार किया है.
वहीं आशंका जताई जा रही है कि प्रकोप को रोकने में असफल होने पर उत्तर कोरिया में गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं. क्योंकि देश की चरमरायी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था और टीकाकरण की अनदेखी के चलते 26 मिलियन लोगों की जान खतरे में है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक मंगलवार को किम जोंग उन ने अधिकारियों के रवैये पर सवाल उठाया और इस बात पर चिंता जताई कि दवा की आपूर्ति समय पर नहीं हो पा रही है.
इसके अलावा बैठक में किम जोंग उन ने अपनी सेना को प्योंगयांग में महामारी से लड़ाई में शामिल होने का आदेश दिया. केसीएनए ( कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी) ने कहा कि उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने मंगलवार की बैठक के दौरान विश्वास जाहिर किया कि वह अपने दम पर इस महामारी से निपट सकते हैं. वहीं नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम को पिछले सप्ताह पहली बार मास्क पहने देखा गया था.