गायत्री मंत्र : 'ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।'

'उस सर्वरक्षक प्राणों से प्यारे, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तः करण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।' नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याएं, परेशानियां हमेशा के लिए खत्म हो जाती हैं।विद्यार्थियों के लिए ये मंत्र बहुत लाभदायक है। मान्यता है कि रोजाना इस मंत्र का 108 बार जाप करने से विद्यार्थी को सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है। पढ़ाई में मन लगने लगता है। साथ ही एक बार में ही पढ़ा हुआ सब याद हो जाता हैं।मान्यता है कि जो भी जातक गायत्री मंत्र का नियमित रूप से जाप करता है, उसकी त्वचा में स्वतः ही चमक आने लगती है। नेत्रों में तेज आता है। साथ ही क्रोध शांत होता है और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है।तमाम कोशिशों और मेहनत के बाद भी यदि व्यापार, नौकरी में हानि हो रही है या कार्य में सफलता नहीं मिलती, आमदनी कम है और व्यय अधिक है तो गायत्री मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि इससे शीघ्र ही लाभ होगा। इसके अलावा यदि किसी दंपत्ति को संतान सुख नहीं मिल रहा हो तो पति-पत्नी दोनों 1 माह तक सूर्योदय से पूर्व 1100 बार संतान प्राप्ति की कामना के साथ गायत्री मंत्र का जाप करें। जाप के दौरान दोनों सफेद वस्त्र ही धारण करें। जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होगी।