नवरात्र मां दुर्गा की स्थापना हेतु मनाया जाता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि एवं बंगाली धर्म में नवरात्र 9 दिन चलता है और प्रथम दिन उनकी स्थापना और समापन कर दिया जाता है। हरवर्ष पितृपक्ष के तुरंत बाद नवरात्र प्रारंभ हो जाता है। नवरात्र के दौरान हर जगह मां दुर्गे की स्थापना की जाती है और जगह-जगह माता रानी की भक्ति गूंजने लगती है। मां दुर्गा को शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। शुरुआत के 3 दिन मां दुर्गा की शक्ति और ऊर्जा की ही पूजा की जाती है। इसके पश्चात 3 दिन तक जीवन में शांति देने वाली माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना के दौरान भक्तगण अपने जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए दिन-रात पूजा अर्चना करते हैं एवं आर्थिक समस्या देखने को नही मिले उसके लिए प्रार्थना करते हैं। इसके बाद सांतवें दिन सरस्वती देवी जो कला और ज्ञान की देवी हैं,उनकी पूजा की जाती है और वह दिन उनको ही समर्पित रहता है। भक्तिगण मां सरस्वती से काफी विनती करते हैं कि उन्हें ज्ञान मिले और उनका आशीर्वाद प्राप्त हो। आठवें दिन महागौरी जी की पूजा की जाती है एवं अंतिम दिवस यानी नवमी को मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। 9 दिन तक भक्तिगण तन मन धन से पूजा अर्चना करते हैं एवं भक्ति में लीन हो जाते हैं।

हर वर्ष नवरात्रि के पांचवे दिन ललिता पंचमी का व्रत रखा जाता है। नवरात्रि की पंचमी तिथि को स्कंदमाता के साथ ही मां ललिता का पूजन भी करते हैं। ललिता पंचमी को उपांग ललिता व्रत के नाम से जाना जाता है और इस बार ललिता पंचमी व्रत 10 अक्टूबर 2021 को होगा।
प्रत्येक वर्ष ललिता पंचमी का व्रत अश्विन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि को किया जाता है। नवरात्रि की पंचमी तिथि को स्कंदमाता के साथ ही मां ललिता का पूजन भी किया जाता है। ललिता पंचमी को उपांग ललिता व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस बार ललिता पंचमी व्रत 10 अक्टूबर 2021 दिन रविवार को किया जाएगा। मुख्य यह व्रत गुजरात एवं महाराष्ट्र में मनाया जाता है। इस दिन व्रत एवं मां ललिता का पूजन करना काफी शुभ माना जाता है तथा मां ललिता माता सती का एक समान रुप मानी जाती हैं जिनको त्रिपुर सुंदरी के रूप में माना गया है। यह मां की 10 महाविद्याओं में से एक मानी जाती हैं। ललिता पंचमी के व्रत का काफी महत्व माना जाता है और इसे रखने के लिए मुहूर्त और पूजा की क्रियाविधि जानी आवश्यक होती है।

ललिता पंचमी महत्व:

हिंदू धर्म के अनुसार शास्त्रों में बताया गया है कि ललिता पंचमी का व्रत करने से मां ललिता बहुत ज्यादा प्रसन्न हो जाती हैं एवं अपने भक्तों को सभी कष्टों से छुटकारा दिलाती हैं। कथाओं की मानें तो जब देवी सती ने अपने पिता के द्वारा अपमान किए जाने पर यज्ञ में अपने प्राण त्याग दिए और तब भगवान शिव ने इस दुख में मां की देह को लेकर हर जगह घूमे जिससे सारी सृष्टि का संतुलन बिगड़ गया। भगवान शिव का मुंह बंद करने के लिए भगवान विष्णु अपने चक्र से सती कि देह को विभाजित कर देते हैं। भगवान शंकर ने उन्हें अपने हृदय में धारण कर लिया और शिवजी के ह्रदय में धारण करने पर यह ललिता कहलायी गईं। ललिता पंचमी का व्रत समस्त सुखों को प्रदान करने वाला होता है।

ललित पंचमी तिथि, मुहूर्त-

इस बार ललिता पंचमी का व्रत 10 अक्टूबर 2021 को यानी कल किया जाएगा।

पंचमी तिथि आरंभ- 10 अक्टूबर 2021 को प्रातः 04 बजकर 55 मिनट से
पंचमी तिथि समाप्त- 11 अक्टूबर 2021 को प्रातः तड़के 02 बजकर 14 मिनट पर