*कालभैरव अष्टमी पर हुआ हवन पूजन*

 भैंसदेही:-काल भैरव जयंती यानी काल भैरव अष्टमी पर नगर के मंगलवारी में स्थित कालभैरव मंदिर प्रांगण में हवन पूजन के साथ प्रसादी वितरण कार्यक्रम आयोजित हुआ।श्रीकाल भैरव अष्टमी के पावन मौके पर बुधवार सुबह से ही शहर में स्‍थित काल भैरव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा है।काल भैरव मंदिर में पाल समाज के पदाधिकारियों व सामाजिक बन्धुओ द्वारा बाबा भैरव का अभिषेक, पूजा व आरती की गई।पाल समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि काल भैरव की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। मनुष्य किसी रोग से लंबे समय से पीड़ित है तो काल भैरव का पूजन करने वह रोग व तकलीफ और दुख भी दूर होते हैं। कालाष्टमी के दिन शिव शंकर के इस रूप भैरव का जन्म हुआ था। भैरव का अर्थ है भय को हरने वाला, इसीलिए ऐसा माना जाता है कि कालाष्टमी के दिन जो भी व्यक्ति काल भैरव की पूजा करता है, उसके मन भय का नाश होता है। कालाष्टमी के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और काल भैरव की पूजा करनी चाहिए। विद्वानों का मानना है कि ये पूजा रात में की जाती है। कृष्णपक्ष की अष्टमी को मध्याह्न के समय भगवान शंकर के अंश से भैरव रूप की उत्पत्ति हुई थी।