शहडोल।   जिले के वन परिक्षेत्र जयसिंहनगर में चितराव गांव के पास जंगल में महुआ बीने गए पति-पत्नी को हाथियों के दल ने कुचल दिया, जिससे दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है। पिछले दो दिनों से यहां नौ हाथियों का दल दिख रहा था। सोमवार की रात में तकरीबन 12 बजे चितराव गांव के आसपास जंगल में हाथियों का दल पहुंच गया। मंगलवार की तकरीबन 5 बजे सुबह चितराव गांव के मोती लाल बसोर व उसकी पत्नी मुलिया बाई महुआ बीन रहे थे। उसी समय हाथियों का दल वहां से निकला और दोनों पति-पत्नी को बुरी तरह कुचल दिया। दोनों की मौके पर मौत हो गई है। इस घटना के बाद आस पास के इलाके में भय का माहौल बना हुआ था। वन विभाग और पुलिस का अमला हाथियों पर नजर रखे हुए है।

वन परिक्षेत्र अमझोर, जयसिंहनगरऔर सीधी एवं जयसिंह नगर थाना प्रभारी अपने बल के साथ जंगल से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी करा रहे हैं और जंगल की तरफ ना जाने की समझाइश दी जा रही है। घटनास्थल पर पुलिस विभाग के अधिकारी पहुंच गए हैं और शव को अपने कब्जे में ले लिया है। मुख्य वन संरक्षक केपी वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ की तरफ से हाथियों का दल अनूपपुर होते हुए शहडोल के जंगलों में पहुंचा है। यह हाथियों का नया दल है। दल में दो बच्चे भी शामिल हैं, इसलिए हाथी अधिक संवेदनशील दिख रहे हैं। महुआ बीने गए दो लोगों को मंगलवार की सुबह कुचल दिया है दोनों पति पत्नी हैं जिनकी मौत हो गई है। आगे की कार्रवाई की जा रही है विभागीय गाइडलाइन के अनुसार सुरक्षा की पहल हो रही है। मालूम हो कि अनूपपुर जिले में भी एक दल हाथियों का घूम रहा है और दूसरा शहडोल के जंगलों में पहुंच गया है जिससे आसपास के गांव में भय का माहौल बना हुआ है। महुआ का सीजन चल रहा है, इसलिए जंगलों के आसपास बड़ी संख्या में लोग महुआ बीनने जा रहे हैं। यदि हाथियों के दल को कंट्रोल नहीं किया गया तो आगे भी घटनाएं हो सकती हैं।