विधायक निलय डागा पर दर्ज एफआईआर के खिलाफ भड़की कांग्रेस
नेताओं ने पुलिस से किया सवाल, निर्वाचन क्षेत्रों में मौजूद थे कई बाहरी नेता, उन पर एफआई आर क्यों नहीं,?
बैतूल। निकाय चुनाव में मतदान के दौरान बैतूल विधायक निलय डागा के खिलाफ आठनेर थाने में धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज होने के बाद कांग्रेस जनों में आक्रोश व्याप्त है। कांग्रेस नेताओं ने इस कार्यवाही को द्वेष पूर्ण राजनीति करार देते हुए प्रकरण वापस लेने की मांग की है। कांग्रेस जनों का कहना है कि मतदान के दिन चिचोली, सारणी क्षेत्र में कई बाहर के भाजपा नेता मौजूद थे, पुलिस ने इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया। सिर्फ विधायक निलय डागा को ही टारगेट कर यह कार्यवाही क्यों की गयी। यदि पुलिस निष्पक्ष कार्यवाही करना चाहती है तो निर्वाचन क्षेत्रों में ऐसे नेताओं को चिन्हित करे, और उनके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। 
क्या पुलिस दबाव में कर रही कार्रवाई?
कांग्रेस जनों ने सवाल उठाया है कि क्या बैतूल पुलिस ने किसी के दबाव में आकर यह कार्यवाही की है। आक्रोशित कांग्रेसियों ने कहा कि, केवल तहसीलदार के प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया, इसकी जांच तक कराया जाना मुनासिब नहीं समझा और प्रकरण दर्ज कर लिया। क्या आमजन पर भी इसी तरह बिना जांच के मामले दर्ज कर लिए जाते हैं। यदि ऐसा है तो क्या पुलिस नियम, कायदे और कानून को ताक पर रखकर कार्यवाही कर रही है। ये तमाम ऐसे सवाल हैं जो इस पूरे घटना क्रम पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं।
--भाजपा के नेताओं पर क्यों नहीं किया प्रकरण दर्ज- 
बैतूल विधायक निलय डागा पर जिस तरह कारवाई की गई है उससे साफ पता चल रहा है कि काफी जल्दबाजी में प्रकरण दर्ज कर लिया गया। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि, निर्वाचन के नियम के मुताबिक  मतदान के 48 घण्टे पूर्व किसी भी बाहरी व्यक्ति का निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाता है । तहसीलदार ने प्रतिवेदन दिया है कि, विधायक निलय डागा निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद थे जिसे आचार सहिंता का उल्लंघन माना गया। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि नियम कायदे कानून केवल कांग्रेस विधायक के मामले में ही क्यों ध्यान में रखे गये। सारणी क्षेत्र में भी 27 सितंबर को मतदान किया गया था जहां क्षेत्रीय विधायक  समेत बैतूल के कई भाजपा नेता मौजूद थे। इसकी पुष्टि खुद सारणी क्षेत्र के लोगों ने भी की है, तो इन नेताओं के खिलाफ पुलिस ने आदर्श आचार सहिंता के उल्लंघन का मामला दर्ज क्यों नहीं किया। इसी तरह चिचोली निर्वाचन क्षेत्र में भी दिन भर बाहरी नेताओं का आना जाना लगा रहा। पुलिस क्यों नहीं इन बाहरी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर रही है। पुलिस इसके भी वीडियो फोटो निकलवाये और फोटो के आधार पर उन पर भी प्रकरण दर्ज करे।
-- राज्य स्तर पर  होगा आंदोलन: सुनील शर्मा
विधायक निलय डागा पर जिस तरह से आठनेर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है उसके बाद कांग्रेस नेताओं में आक्रोश पनपता जा रहा है। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील गुड्डू शर्मा का कहना है कि,बैतूल विधायक पर जिस द्वेष पूर्ण तरीके से आनन फानन प्रकरण दर्ज किया गया है। उससे साफ है कि अधिकारी भाजपा नेताओं के इशारे पर काम कर रहे है। इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा घबरा चुकी है। आठनेर में पिछले 5 सालों में भाजपा की नगर सरकार में केवल अनियमितताएं ही की गयी है। जिसके बाद इस चुंनाव में भाजपा को अपनी हार सामने दिख रही है इसी बौखलाहट में विधायक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करा दिया गया। अगर प्रकरण वापस नही लिया जाता है या खात्मा नहीं लगाया जाता है तो इस मामले में कांग्रेस राज्य स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
--बाहर के कई नेता मौजूद थे केवल विधायक पर ही प्रकरण क्यों: हेमंत वागद्रे--
बैतूल विधायक निलय डागा के खिलाफ आचार सहिंता के उल्लंघन मामले में जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत वागद्रे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, उनका कहना है कि जिस तरह से आठनेर पुलिस ने द्वेष पूर्ण नीति से विधायक निलय डागा पर प्रकरण दर्ज किया है। उससे यह सिद्ध होता है कि कहीं ना कहीं दबाव में यह कार्यवाही की गई है। क्योंकि मेरी जानकारी में है कि, आठनेर में जिस दिन मतदान था उस दिन काफी बड़ी संख्या में बाहरी नेता निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद थे, ना किसी को रोका जा रहा था ना टोका जा रहा था। यदि पुलिस आचार सहिंता को लेकर इतनी ही गम्भीर थी तो सभी बाहरी नेताओं को चिन्हित कर सभी पर प्रकरण दर्ज करना था, केवल कांग्रेस विधायक पर ही प्रकरण दर्ज करने की आखिर क्या जरूरत पड़ गयी ये समझ से बाहर है। इससे सिद्ध होता है कि कहीं ना कहीं पुलिस ने दबाव में आकर प्रकरण दर्ज किया है।
--तानाशाही पर उतारू हो चुकी है भाजपा:सुखदेव पांसे--
इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस के पूर्व मंत्री एवं मुलताई विधायक सुखदेव पांसे का बयान भी सामने आया है। उन्होंने भाजपा को तानाशाह निरूपित करते हुए कहा कि विधायक निलय डागा पर जिस तरह प्रकरण दर्ज किया गया इसकी मैं घोर निंदा करता हूँ। यह गलत प्रकरण बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी की यहां तानाशाही चल रही है। प्रशासन को निष्पक्ष निर्णय लेना चाहिए ना कि किसी के दबाव में आकर ऐसी कार्यवाही करनी चाहिए,यह प्रकरण गलत बनाया गया है इस पर पुलिस को खात्मा लगाना चाहिए
--कार्यकर्ताओं से मिलना क्या गुनाह है?: निलय डागा--
पूरे मामले को लेकर बैतूल विधायक निलय डागा ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पुलिस से सवाल किया है। प्रकरण को लेकर उनका कहना है कि, वे निजी कार्यक्रम के अंतर्गत अपने कार्यकर्ता के यहां देवी दर्शन के लिए ग्राम हिडली गए हुए थे। रास्ते में खड़े अपने कार्यकर्ताओं और आमजनों के आग्रह पर वे रुके। इस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने फोटो भी खिंचवाई, तो इसमें कौनसा गुनाह हो गया। क्या एक जनप्रतिनिधि का ये दायित्व नहीं बनता की रास्ते में खड़े अपने कार्यकर्ताओं और आम जनों से मिले। जो एफआईआर बिना जांच किये एक जनप्रतिनिधि पर दर्ज कर ली गयी, पुलिस बताए कि क्या ये एफआईआर बीजेपी के लोकल नेताओं के कहने पर की गई है। जो भी है लेकिन इस प्रकरण के बाद जिले का राजनैतिक माहौल बेहद गरमा गया है। कांग्रेस ने इस बात के साफ संकेत दिए हैं कि जिस तरह बैतूल पुलिस भाजपा के नेताओं के दबाव में आकर इस तरह के प्रकरण दर्ज करवा रही है ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि पुलिस इस प्रकरण को वापस नहीं लेती या इसमें खात्मा नहीं लगाती है तो आने वाले दिनों में कांग्रेस एक बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएगी।