बैतूल ।   जिले के पाथाखेड़ा में स्थित वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) की भूमिगत तवा-1 कोयला खदान में शुक्रवार रात सपोर्ट लगाते समय भारी पत्थर गिरने से दो कामगारों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हुआ है। पाथाखेड़ा से जोगेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 10 बजे तवा-1 खदान के मुहाने से पांच किमी दूर बगडोना सिम क्रास कट 57 लेवल में डेवलमेंट के समय सपोर्ट लगाया जा रहा था। इस दौरान भारी पत्थर गिर गया। पत्थर की चपेट में आने से अंबाडा निवासी सपोर्ट मजदूर चैतराम वरकड़े (30) और खैरवानी निवासी ठेका मजदूर भोला की मौके पर ही मौत हो गई। साथ में मौजूद ठेका मजदूर सुनील के दाहिने पैर में चोट लगी है। दूसरी पाली में जब हादसा हुआ तब उस सेक्शन में 30 कामगार काम कर रहे थे। पत्थर हटाकर दोनों के शव बाहर निकाले गए और घायल को भी बाहर लाकर एम्बुलेंस की मदद से वेकोलि अस्पताल में भर्ती कराया गया।

हादसे की खबर लगते ही अधिकारी पहुँचे-

देर रात में यूनियन नेता व कोल कर्मी खदान और अस्पताल पहुंचे। सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। जीएम से लेकर एपीएम और सभी खदानों के सब एरिया, मैनेजर भी अस्पताल पहुंचे और घायल का हाल जाना। बताया जा रहा है कि जहां हादसा हुआ, वहां रूफ के आगे-पीछे सपोर्ट नहीं था। कोयला खदान में हादसा और दो लोगों की मौत की खबर लगते ही सारनी एसडीओपी राकेश जैन, टीआई रत्नाकर हिंग्वे, पाथाखेड़ा चौकी प्रभारी राहुल रघुवंशी वेकोलि अस्पताल पहुंचे। मौके का निरीक्षण कर मौका नक्शा बनाने दो पुलिस कर्मी रात 1.30 बजे खदान में गए। जबकि एसडीओपी और टीआई खदान के मुहाने पर मौजूद रहे। इधर पाथाखेड़ा जीएम, एपीएम भी रात करीब 1.45 बजे तवा-1 खदान पहुंचे और अन्य अधिकारियों से जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिए। खदान में हादसे के बाद तवा-1 खदान में दूसरी पाली में काम पर गए ज्यादातर लोग मृतक और घायल को लेकर अस्पताल आ गए। इससे पहले एडवांस गैंग खदान में उतर गई। अस्पताल से खदान लौटकर कामगारों ने आक्रोश व्यक्त किया। इसके बाद रात्रि पाली में खदान में जाने से साथी कामगारों ने रोक दिया। इससे तीसरी पाली में खदान में काम बंद रहा।

प्रबंधन पर मनमानी का आरोप-

एचएमएस के महामंत्री अशोक नामदेव ने वेकोलि प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि उत्पादन के लिए सुरक्षा का रत्ती भर भी ख्याल नही रखा जा रहा है। जिस जगह हादसा हुआ वहां रूफ पर आगे और पीछे सपोर्ट नही लगाया गया। इस कारण से करीब साढ़े तीन मीटर चौड़ा और 10 मीटर लंबा वजनी पत्थर मजदूरों पर गिर गया और दो को जान गंवानी पड़ी। सुबह की शिफ्ट में भी कुछ कामगार ही खदान में उतरे हैं, जबकि अधिकांश विरोध स्वरूप काम पर नही गए हैं।