टमाटर हुआ बे भाव, किसान भूपेंद्र अपने खेतों से टमाटर तोड़कर लोगों को फ्री में बांट रहे

टमाटर हुआ बे भाव, किसान भूपेंद्र अपने खेतों से टमाटर तोड़कर लोगों को फ्री में बांट रहे
बैतूल l टमाटर हुआ बे भाव जिसके कारण टमाटर किसानो को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है मंडी में टमाटर खरीदी नहीं हो रही है इसकी बड़ी वजह सामने आई है मंडी में व्यापारी दूसरे जिलों से टमाटर बुलवा रहे है जिसका असर लोकल किसानो पर पड़ रहा है ऐसे ही बैतूल बाजार के एक उन्नत किसान जोकि अपने एक एकड़ खेत में लगे टमाटर लोगों को फ्री में बांट रहे है जोकि काफी चर्चा में बने हुए है l
बैतूल बाजार के उन्नत किसान भूपेंद्र किशोर उर्फ छुट्टू पवार इन्होंने करीब डेढ़ एकड़ खेत में टमाटर की फसल लगाई हुई है और फसल भी खूब जमी जिससे टमाटर की बंपर पैदावार हो रही है लेकिन बाजार में टमाटर के दाम औंधे मुंह गिर गए है जिससे बैतूल मंडी में टमाटर नहीं बिक रहा है l किसान भूपेंद्र रोजाना अपने खेत से मजदूर लगाकर टमाटर तुड़वा रहे है और बैतूल बाजार नगर में घूमकर लोगों को फ्री में टमाटर बांट रहे है l उनका कहना है कि बड़ी लागत से खेत में टमाटर लगाया है लेकिन बाजार में नहीं बिक रहा टमाटर खेतों में खराब होगा इससे अच्छा है कि वे टमाटर लोगों में बांट दे दान कर दे जिससे उन्हें पैसे तो लेकिन पुण्य जरूर मिलेगा l
भूपेंद्र बताते है कि वे बहुत समय से सब्जियों की खेती करते आ रहे है लेकिन इस समय जो हाल टमाटर के है वैसा पहले नहीं हुआ उन्होंने एक एकड़ खेत में 55 हजार रुपए की लागत लगाकर देशी टमाटर लगाया और टमाटर की पैदावार भी अच्छी हुई लेकिन दाम नहीं मिल रहे जिससे बड़ा नुकसान हो गया है l खेतों में लगे टमाटर खेत में छोड़ भी नहीं सकते क्योंकि टमाटर खेत में पककर गिरेगा तो वह अगली फसल में बीज फिर उग जाएगा और दूसरी फसल खराब करेगा इसलिए भारी मजदूरी देकर मजदूरों से टमाटर तुड़वाकर खेत खाली कर रहे है लोगों को फ्री में बांट रहे है और ज्यादा पके टमाटर खेतों के बाहर फेंक दे रहे है l
सब्जी किसान सुभाष वर्मा और रवि बार मासे का कहना है कि बैतूल मंडी में होशंगाबाद और नागपुर से व्यापारी अपनी गाड़ी का किराया निकालने के लिए टमाटर और दूसरी सब्जी लाकर बेच रहे है जिससे बैतूल लोकल के किसानो को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है ऐसा ही हाल रहा तो लोकल किसान सब्जी लगाना बंद कर देगा जिससे बाजार में महंगाई बढ़ जाएगी सरकार को चाहिए कि कम से कम सब्जियों के भी एक दाम तय करना चाहिए l