*जयकारों के साथ उदगम स्थल से  हुआ मां ताप्ती संपूर्ण परिक्रमा पदयात्रा का शुभारंभ*

*जगह जगह नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर पदयात्रियों का किया स्वागत*

*मुलताई।*✍️ विजय खन्ना 

पुण्यसलिला सूर्यपुत्री मां ताप्ती के उद्गम स्थल से गुरुवार सुबह बाजे गाजे और मां ताप्ती के जयकारों के साथ मां ताप्ती संपूर्ण परिक्रमा पदयात्रा का शुभारंभ हुआ। सुबह 9 बजे मां ताप्ती मंदिर में पूजा अर्चना और आरती के उपरांत मां ताप्ती के जयकारों के साथ पदयात्रियों ने पावन ताप्ती सरोवर की परिक्रमा की। परिक्रमा के उपरांत ताप्ती कुंड गली से यात्रा कामधेनु चौक पहुंची। जहां से बाजे गाजे और जयकारों के साथ पदयात्री यात्रा के प्रथम पड़ाव मरही माता मंदिर पहुंचे। पदयात्रा में हजारों की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। नगरीय क्षेत्र से यात्रा के गुजरने के दौरान यात्रा में शामिल मां ताप्ती रथ में विराजित मां ताप्ती की जगह जगह श्रद्धालुओं ने पूजा की। साथ ही रथ में विराजित पावन ताप्ती जल कलश की भी पूजा अर्चना की। जगह जगह नागरिकों ने पद यात्रियों पर पुष्प वर्षा कर यात्रियों का स्वागत किया। यात्रा के मरही माता मंदिर पहुंचने पर मंदिर में पूजा अर्चना की। जहा यात्रा समिति के संयोजक राजू पाटनकर सहित अन्य  वक्ताओं ने यात्रा के आयोजन के संबंध में अपने विचार रखे। मरही माता मंदिर में मंदिर समिति द्वारा यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को भंडारा प्रसादी वितरित की। नगर के मध्य से पदयात्रा के गुजरने के दौरान भी यात्रियों के लिए श्रद्धालुओं ने पेयजल,चाय और बिस्किट की व्यवस्था की थी। मंदिर से पदयात्रा अगले पड़ाव ज्ञानेश्वर शिव मंदिर पहुंची। जहां मंदिर समिति द्वारा  यात्रियों एवं श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई थी। मंदिर परिसर में भंडारा प्रसादी ग्रहण करने के बाद यात्री अगले पड़ाव की ओर रवाना हुए।  पदयात्री ग्राम सांडिया,चंदोरा,सिरसावाड़ी होते हुए ग्राम ताईखेड़ा पहुंचेंगे। जहां ताप्ती मंदिर में दोपहर का भोजन करने के बाद पदयात्री अगले पड़ाव की ओर रवाना होकर शाम तक जयकारे लगाते हुए ग्राम नया बोरगांव पहुंचेंगे। जहां रात्रि विश्राम होंगा। मार्ग में हर ग्राम में पदयात्रियों के स्वागत की तैयारी ग्रामीणों द्वारा की गई है।

*सूरत समुद्र संगम तक पहुंचकर  वापस उदगम स्थल लौटेंगी पदयात्रा*

 समिति के संयोजक राजू पाटनकर सौरभ जोशी ने बताया उदगम स्थल से प्रारंभ होकर पदयात्री दक्षिण तट से नदी के समीप पदयात्रा करते हुए सूरत समुंद्र संगम डूम्मस तक पहुंचकर वापस हजीरा से पदयात्रा  प्रारंभ कर 5 मार्च को मुलताई उद्गम स्थल पर पहुंचेंगे। जहा सम्पूर्ण परिक्रमा पदयात्रा का समापन होगा। बीते पांच वर्ष पूर्व सम्पूर्ण परिक्रमा पदयात्रा प्रारम्भ की गई थी। नर्मदा परिक्रमा की तर्ज पर सम्पूर्ण परिक्रमा पदयात्रा में प्रथम वर्ष 19 भक्तो ने परिक्रमा करके इतिहास रचने का काम किया था। दुसरे वर्ष 24 भक्तो ने और तीसरे वर्ष 39 लोगों ने पुरी परिक्रमा की थी। यह संख्या निरन्तर बढ़ते जा रही है। इसके अतिरिक्त हजारों भक्तों ने एक दिन,दो दिन,पांच दिन,दस दिन की पदयात्रा करके पुण्य लाभ अर्जित किया। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में पदयात्री शामिल हुए है। समिति के वरिष्ठ लखमीचंद अग्रवाल ,राजेश जैन,काशीनाथ साहू,सुनिल पाटनकर,,विजय साहू, वाडबुदे,प्रमोद जैन,श्याम गव्हाड़े,सुनिल वानखेड़े,अजय गावंडे ने बताया बुधवार को पदयात्रियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए गजानन महाराज मन्दिर में मेडिकल कैंप लगाया था। सभी पदयात्रियों के परिचय पत्र भी बनाए गए हैं। सचिन पुरी, संदीप सोनी ने बताया परिक्रमा यात्रा का पांचवां वर्ष है। 64 दिनों में यह परिक्रमा पदयात्रा संपूर्ण संपन्न होगी।