सोहागपुर में नरवाई प्रबंधन की कार्यशाला हुई आयोजित,नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान की दी जानकारी

 

 सोहागपुर  में 25 सितंबर को कृषि अभियांत्रिकी, किसान कल्यागण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा संगोष्टी का आयोजन किया गया था जिसमें नरवाई जागरूकता के तहत कृषकों को बताया गया की  नरवाई में आग लगाने से क्या नुकसान होता है और भूमि में उपस्थित सूक्ष्म  जीव जलकर नष्ट हो  जाते है। जैविक खाद निर्माण बंद हो जाता है मिटटी की उत्पादन क्षमता  भी गिर जाती है l

 

इस कार्यशाला में बताया गया की किस तरह नरवाई जलाने से भूमि ईट के समान कठोर हो जाती है। जमीन में उपस्थित केचुएं एवं लाभदायक जीवाणु नष्टभ हो जाते है, पर्यावरण प्रदूषित होता है। तथा तापमान में बढ़ोत्तरी होती है l

 

 नरवाई प्रबंधन हेतू कृषक बंधु समुचित प्रबंधन हेतु किसान भाई आत्मीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली  द्वारा विकसित पूसा डिकम्पोहजर का प्रयोग करे इससे नरवाई जलेगी नहीं बल्कि गलेगी नरवाई युक्तं खेत में जायद फसल बोने हेतु हैप्पी् सीडर/सुपर सीडर से सीधी बुआई करें रोटावेटर चलाकर सामान्य् सीडड्रिल से बुआई कर सकते है।

 

 नरवाई प्रबंधन में सहायक अन्य कृषि यंत्र जैसे मल्चपर, सुपर सीडर, रीपर कम्बापईण्डसर, स्ट्राई रीपर भी ले सकते है। वर्तमान में ई यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्य म से 29 सितम्बमर तक ऑन लाईन आवेदन mpdage.org पर कर अनुदान का लाभ ले सकते है। इसके साथ ई यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यकम से हितग्राही  रश्मि वर्मा W/o विवेक वर्मा को एस.एम.ए.एम. योजना के तहत स्वाचलित हाई ग्राउंड क्लियरेन्सी बुम टाईप मशीन पर 18 लाख कुल कीमत पर 4 लाख रूपये का अनुदान प्राप्त  हुआ।

 

उपरोक्त  कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि डॉ. आंनद बड़ोनिया, सहायक कृषि यंत्री डॉ. प्रमोद मीना बैतूल एंव श्री विवेक वर्मा, ग्राम पंचायत व गणमान्य  कृषक उपस्थित थे।