राम लला के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या लगातार चर्चा में है. प्रभु श्रीराम के श्रृंगार से लेकर मंदिर तक पर सबकी नजर है. भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद अयोध्या के प्रभु राम का ठाठ भी निराला हो गया है. रोज प्रभु की दिनचर्या क्या रहती है. कैसे होता है उनका श्रृंगार पढ़िए इस खबर में.दिल्ली के पुष्पों का हार धारण करते हैं अयोध्या के प्रभु राम, सरयू जल से अभिषेक के बाद होता है श्रृंगार

भगवान राम का हर रूप निराला है. अयोध्या में विराजे भगवान राम का आलौकिक श्रृंगार किया जाता है. पुजारी सुबह लगभग 4:30 बजे जागरण कराते हैं. उसके बाद उनका सरयू जल से अभिषेक किया जाता है. विशेष पूजन के बाद संपूर्ण श्रृंगार होता है. वस्त्र धारण करने के बाद रामलला को आभूषण पहनाए जाते हैं.

रामलला के निराले ठाठ
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र बताते हैं कि प्रभु राम बालक स्वरूप में विराजमान हैं. उनकी सेवा एक बालक के रूप में की जाती है. प्रतिदिन उनको नए वस्त्र धारण कराए जाते हैं. बाल भोग लगाया जाता है. प्रभु राम की सेवा में कोई कमी ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है. प्रतिदिन रामलाल को पुष्पों की माला अर्पित की जाती है. ये माला दिल्ली से बुलायी जाती है जो विशेष प्रकार की पैकिंग में आती है. जब प्रभु राम का श्रृंगार होता है उसके बाद इस माला को धारण कराया जाता है. अलग-अलग पुष्पों की माला बालक राम समेत चारों भाइयों को धारण कराई जाती है.

कड़े पहरे में भगवान
भगवान के आभूषण वस्त्र रखने के लिए गर्भ ग्रह के पास दो छोटे-छोटे कक्ष बनाए गए हैं. इसके अलावा अलमारी भी रखी गई है, जिसमें प्रभु राम के वस्त्र श्रृंगार रखे जाते हैं. भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद प्रभु राम की सुरक्षा भी बढ़ गई है. उनके 6 अंगरक्षक भी हैं हालांकि पहले यह संख्या तीन थी. अब 8-8 घंटे के लिए दो-दो सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई गयी है.

राम भक्तों का रैला
जब से प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हुए हैं तब से लाखों राम भक्त दर्शन पूजन करने आ रहे हैं और अपने आराध्याय का दर्शन कर रहे हैं. राम लला को रोज उस दिन के हिसाब से हर रंग के वस्त्र धारण कराए जाते हैं. दर्शन का सिलसिला सुबह 6:00 बजे शुरू हो जाता है जो रात दस बजे तक चलता है.

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