भोपाल। मध्य प्रदेश के 43 जिलों में साइबर तहसील की व्यवस्था दो फरवरी से लागू हो जाएगी। इस व्यवस्था से अब आमजन को रजिस्ट्री, नामांतरण, अविवादित नामांतरण के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना होगा। 2 फरवरी को उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह साइबर तहसील को पूरे प्रदेश में लांच करेंगे। इसको लेकर राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है। कार्यक्रम का सभी तहसील कार्यालय पर प्रसारण किया जाएगा। गौरतलब है कि सीएम डा. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को मंत्रिमंडल की पहली बैठक एक जनवरी 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था प्रदेश के सभी 55 ज़िलों में लागू करने का निर्णय लिया था। एमपी मे सबसे पहले दतिया एवं सीहोर दो जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 27 मई 2022 को साइबर साइबर तहसील लागू की गई थी। बाद में 6 अक्टूबर 2022 को इंदौर, हरदा, डिंडौरी एवं सागर जिले में साइबर तहसील लागू की गई। 10 अगस्त 2023 को साइबर तहसील आगर मालवा, बैतूल, उमरिया, श्योपुर, विदिशा एवं ग्वालियर छह जिलों में प्रभावशील की गई। इस तरह डेढ़ साल में साइबर तहसील सिर्फ 12 जिलों में ही प्रभावशील थी। अब यह साइबर तहसील शेष 43 जिलों में भी लागू की जा रही है। साइबर तहसील की व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग द्वारा मप्र भू राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन कर धारा 13-क में साइबर तहसील स्थापना के प्रावधान किए गए हैं।  नयी व्यवस्था से प्रदेश के किसी भी जिले में बिना आवेदन दिए रजिस्ट्री होते ही 15 दिन में नामांतरण स्वत: हो जाएगा। खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार किया जा सकेगा। इसके लिए अलग से स्टाफ भी रखा जाएगा और प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय में भी स्टाफ बढ़ाया जाएगा।