मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और माता जानकी के विवाह के अवसर पर सागर के प्रसिद्ध रामबाग मंदिर में सहस्त्र अर्चन किया गया, जिसमें 56 चीजों को 1000 बार श्रद्धालुओं द्वारा समर्पित किया गया. मान्यता है कि विवाह पंचमी पर सहस्त्रार्चन करने वाले श्रद्धालुओं का वैवाहिक जीवन ठीक रहता है. मन में शांति मिलती है. सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. व्यापार में उन्नति आती है.
बिगड़े काम बनने लगते हैं. कष्टों का निवारण हो जाता है. स्वास्थ ठीक रहता है. माताओं की सूनी गोद भरी जाती हैं. विशेष रूप से मनोकामना की सिद्धि के लिए भी इस अनुष्ठान को किया जाता है. रामबाग मंदिर के महंत घनश्याम दास जी महाराज बताते हैं कि वेद पुराण में बताया गया है कि जितनी शक्ति सूर्य, चंद्रमा, अग्नि, वायु में होती है उससे कहीं ज्यादा शक्ति श्रीराम में विद्यमान है, इसलिए सहस्र राम नाम का जाप करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं.

राम जानकी के चरणों में अर्पित की वस्तुएं
मंदिर में विवाह पंचमी के अवसर पर भगवान के लिए अलग-अलग वस्तुएं समर्पित की गई. इसमें श्रीराम के 1000 नाम के साथ 1000 कमल के फूल, 1000 शमी पत्र, 1000 गुलाब के फूल, 1000 सिंघाड़े, 1000 खजूर इसी तरह काजू, किशमिश, बादाम, खारक, पिंड खजूर, चिरौंजी, बनारसी बेर, पेड़ा, मूंगफली, चावल, पान, गेहूं, समाई, बूंदी, बतेशा, खुरमी, चना सहित खाने पीने की अलग-अलग तरह की चीज श्रद्धालुओं के द्वारा अपने घर से लाई गई थी. पंडित के द्वारा 1000 नाम का वाचन किया गया.

इस मंत्र का रोज जाप करना चाहिए
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:॥

राम नाम सिद्ध हो तब…
राम के साथ में सीता माता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में हमेशा सुख शांति बनी रहती है, जो व्यक्ति राम नाम को सिद्ध कर लेता है, वह व्यक्ति महान माना जाता है. क्योंकि राम का नाम सिद्धि कर लेने से व्यक्ति के अंदर कई प्रकार की शक्तियां आ जाती हैं, जिनका उपयोग करके जीवन को सरल बनाया जा सकता है.