नई दिल्ली । यूरोप डीजल के लिए भारत पर और अधिक निर्भर होता जा रहा है। यूरोप ने लगभग एक साल पहले रूस से कच्चा तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसकारण यूरोप को डीजल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा हैं। इसलिए घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरोप ने भारत का रुख किया है। इंडिया से यूरोप के लिए डीजल निर्यात 3 लाख बैरल प्रति दिन के पार पहुंच गया है।   
भारत रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है। यूरोप भारत से डीजल मंगा रहा है। इस तरह से भारत के रास्ते रूसी डीजल यूरोप के देशों में पहुंच रहा है। हालांकि, कोई भी यह दावा खुलकर करने को तैयार नहीं है कि यूरोप में रूसी डीजल पहुंच रहा है।  क्योंकि, भारत कई अन्य देशों से भी कच्चा तेल खरीदता है। इसके बाद हमारी रिफायनरीज इस कच्चे तेल को डीजल में तब्दील कर देती हैं। रिफायनरीज के बढ़ते प्रोडक्शन से देश को डीजल निर्यात बढ़ने में मदद मिली है।  
रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई स्थित नायरा एनर्जी लिमिटेड ने पिछले साल रूस से हुए कुल कच्चा तेल आयात का लगभग 60 फीसद हिस्सा खरीदा। यह कंपनी यूरोप में भी डीजल भेज रही है। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड भी इंडियन डीजल का यूरोप में टॉप सप्लायर है। रिलायंस भी अपनी जरूरतों का एक तिहाई हिस्सा रूस से ही खरीदता है।