नई दिल्ली  । भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) ने आदित्य-एल1 को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। मंगलवार देर रात इसरो ने ट्वीट (एक्स) किया कि सौर मिशन पर भेजे गए आदित्य-एल1 ने दूसरी बार अपनी कक्षा सफलतापूर्वक बदली है। आदित्य-एल1 के कक्षा बदलने के ऑपरेशन के दौरान बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में सैटेलाइट के जरिए इसकी ट्रैकिंग की गई है। आदित्य एल1 अब 245किमी & 22459 किमी की कक्षा से निकलकर 282 किमी & 40225 किमी में पहुंच चुका है। आदित्य एल1 की यह दूसरी बड़ी सफलता है और उसने अब सूरज की ओर अपना कदम और आगे बढ़ा दिया है। अब 10 सितंबर को रात के ढाई बजे तीसरी बार फिर आदित्य-एल1 की कक्षा बदली जाएगी।


16 दिनों तक करेगा
सूर्य मिशन की प्रक्रिया के मुताबिक आदित्य-एल1 को 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करनी है, इसके बाद ही वह सूर्य की ओर अपने मार्ग पर बढ़ जाएगा। आदित्य एल1 16 दिनों में पांच बार पृथ्वी की कक्षा बदलेगा। बता दें कि बीते शनिवार को इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो ने आदित्य-एल1 मिशन को लॉन्च किया था। तीन दिनों में तीसरी बार इसके आर्बिट में यह बदलाव किया गया है।


आदित्य-एल1 का लक्ष्य
इसरो ने बताया कि आदित्य-एल1 बड़ी चुस्ती से अपनी यात्रा कर रहा है। अभी वह 18 सितंबर तक धरती के चारों तरफ चार बार ऑर्बिट बदलेगा। अगली ऑर्बिट मैन्यूवरिंग 10 सितंबर की रात को होगी। जब आदित्य अपने तय स्थान यानि यानी एल1 तक पहुंच जाएगा तब वह हर दिन 1440 तस्वीरें भेजेगा। माना जा रहा है कि पहली तस्वीर फरवरी या मार्च में मिलेगी। वीईएलसी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है। सूर्ययान में लगा वीईएलसी सूरज की एचडी फोटो लेगा। इस पेलोड में लगा कैमरा सूरज के हाई रेजोल्यूशन तस्वीरे लेगा। इसरो वैज्ञानिकों ने आदित्य-एल1 मिशन को पांच साल के लिए बनाया है लेकिन अगर यह सही सलामत रहा तो यह 10-15 साल तक काम कर सकता है।