नई दिल्ली ।  भारत सरकार एम क्यू -9 बी ड्रोन अमेरिका से खरीदने का सौदा कर रहा है।इसकी कीमतों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस पर वास्तविक स्थिति बताते हुए सरकार का बचाव किया है।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी का कहना है, कि भारत को दूसरे देशों के मुकाबले ड्रोन 27 फीसदी सस्ते में खरीदने की बातचीत चल रही है। तकनीकी स्थानांतरण पर भी बात हो रही है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी के स्पष्टीकरण से, स्पष्ट है कि अभी भारत सरकार द्वारा कीमतें अंतिम रूप से तय नहीं की गई है।
संयुक्त अरब अमीरात यूएई ने एक ड्रोन की कीमत 161 मिलियन जो भारतीय मुद्रा में 16.1 करोड़ रुपए होती है।उस कीमत में ड्रोन खरीदे हैं।
ब्रिटेन ने 16 ड्रोन अमेरिका से खरीदें उसने 6.9 करोड़ डालर की कीमत चुकाई।जो भारतीय मुद्रा में लगभग 6 करोड 90 लाख होती है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भारत प्रति ड्रोन 99 मिलियन जो भारतीय मुद्रा में 9.9 करोड़ रुपए होती है। उसमें अत्याधुनिक सुविधाएं भी अलग से ली जा रही है। जो ब्रिटेन और यूएई को नहीं मिली थी। इसके अलावा रक्षा अधिकारी ने यह भी कहा कि 15 से 20 फीसदी तकनीकी ट्रांसफर होने की बात भी हो रही है। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि अभी 11 ड्रोन तत्काल खरीदे जाएंगे। बाकी के सभी ड्रोन भारत में असेंबल किए जाएंगे।रक्षा मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी है।  यह सौदा अमेरिका के फॉरेन मिलिट्री सेल्स के तहत हो रहा है।