भोपाल ।  मध्य प्रदेश कांग्रेस नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में एक बार फिर किसानों पर दांव लगाएगी। उपज का उचित मूल्य दिलाने के उपायों को वचन पत्र में शामिल किया जाएगा। इसमें गेहूं, धान सहित अन्य उपज शामिल होंगे। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने किसान ऋण माफी योजना का वचन दिया था। इसे समर्थन भी मिला और वर्ष 2018 में 15 साल बाद प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई थी। किसानों को तीन हजार रुपये गेहूं का मूल्य दिलाने के लिए विधानसभा के बजट सत्र के बाद जिलों में आंदोलन की तैयारी की भी जा रही है। नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी सभी वर्गों को साधने पर काम कर रही है। पार्टी का जो वचन पत्र तैयार हो रहा है, उसमें सभी वर्गों से जुड़ी घोषणाएं होंगी।

किसानों से जुड़ी समस्याओं की जानकारी ली

अभी तक ऋण माफी योजना का लाभ पाने से वंचित किसानों के लिए योजना को लागू करने, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, महिलाओं को डेढ़ हजार रुपये प्रति माह आर्थिक सहायता देने की घोषणा की जा चुकी है। वचन पत्र में किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने का भी प्रविधान रखा जाएगा। इसके लिए ऐसी योजना लागू की जाएगी, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष घोषित होने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक राशि प्राप्त हो। पार्टी ने हाल ही में विधानसभा में तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने की मांग की। इस दौरान विभिन्न किसान संगठनों से भी किसानों से जुड़ी समस्याओं की जानकारी ली गई है ताकि उसके समाधान की कार्ययोजना वचन पत्र में प्रस्तुत की जा सके।

किसान हितैषी थे तो किसानों की ऋण माफी क्यों नहीं की

उधर, कृषि मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस के वचन पत्र में किसानों के लिए प्रस्तावित किए जा रहे प्रविधानों पर कहा कि प्रदेश की जनता अब गुमराह होने वाली नहीं है। कांग्रेस यदि किसानों की इतनी ही हितैषी थी तो सभी किसानों की ऋण माफी क्यों नहीं की। सिंचित क्षेत्र क्यों नहीं बढ़ाया और खाद-बीज की आपूर्ति की पुख्ता व्यवस्था क्यों नहीं बनाई। समर्थन मूल्य पर खरीदी आधी क्यों कर दी और फसल बीमा का प्रीमियम जमा क्यों नहीं किया था। कांग्रेस सरकार के धोखे के कारण जो सहकारी समितियों से सुविधाएं प्राप्त करने के लिए अपात्र हो गए थे, उनका ब्याज माफ करके उन्हें मुख्यधारा में लाया जाएगा।