नई दिल्ली । गौतम अडानी ने कहा है कि उनके कारोबार के फलने-फूलने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करीबी रिश्तों के होने की बात कतई निराधार है क्योंकि वह कई विपक्ष-शासित राज्यों में भी काम कर रहे हैं. उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा हमारा तो मकसद रहेगा कि हर राज्य में जहां-जहां संभव हो वहां अधिकतम निवेश करें. अडानी ग्रुप को इस बात की खुशी है कि आज हम 22 राज्यों में काम कर रहे हैं और सब राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है. हम तो केरल में वाममोर्चा सरकार के साथ भी काम कर रहे हैं बंगाल में ममता दीदी के साथ भी काम कर रहे हैं नवीन पटनायक जी के साथ भी काम कर रहे हैं जगनमोहन रेड्डी केसीआर.हर जगह जहां क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारें हैं काम कर रहे हैं. मैं आज दावे के साथ कह सकता हूं कि इनमें से किसी भी सरकार से हमें कोई तकलीफ नहीं हुई.
टीवी चैनल के  कार्यक्रम में पहुंचे गौतम अडानी ने कहा मैं बताना चाहता हूं कि मोदीजी से आप कोई व्यक्तिगत सहायता नहीं ले सकते. आप उनसे नीतिविषयक बात कर सकते हैं आप देश के हित में चर्चा कर सकते हैं लेकिन जो नीति बनती है वह सबके लिए होती है वह अकेले अडानी ग्रुप के लिए नहीं बनती...
60-वर्षीय उद्योगपति ने यह भी कहा कि उनके अरबों का कारोबार करने वाले ग्रुप के बारे में गलतफहमी है कि उसे प्रमोट किया जा रहा है जिसके चलते बैंकों और आम आदमी की बचत खतरे में आ सकती है. उन्होंने कहा पिछले 7-8 साल के अंदर हमारे कर्ज़ में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और हमारी आमदनी 24 प्रतिशत बढ़ी है. आज हमारी प्रॉफिटेबिलिटी हमारे कर्ज़ से भी ज़्यादा बढ़ गई है.
90-मिनट के शो के दौरान गौतम अडानी ने कहा कि उनका मानना है कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी बार-बार उनके खिलाफ क्रोनी कैपिटलिज़्म का जो आरोप लगाते हैं वह राजनीति के तौर-तरीकों का हिस्सा है. उन्होंने राजस्थान का उदाहरण दिया जहां कांग्रेस की ही सरकार है.
कांग्रेस-शासित राजस्थान में किए गए 68000 करोड़ रुपये के निवेश का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा निवेश करना हमारा सामान्य काम है. मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निमंत्रण पर निवेशक सम्मेलन में वहां भी गया था... बाद में राहुल (गांधी) जी ने भी राजस्थान में हमारे निवेश को सराहा था. मैं जानता हूं राहुल की नीतियां भी विकास-विरोधी नहीं हैं.
गौतम अडानी के मुताबिक जो आलोचक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके रिश्तों पर सवाल खड़े करते हैं वे भूल जाते हैं कि उनका सफर लगभग चार दशक पहले शुरू हुआ था जब कांग्रेस का देश पर शासन था.