भोपाल । मध्यप्रदेश में करीब एक सप्ताह बाद फिर मौसम का मिजाज बदला है। शुक्रवार रात अचानक कई शहरों के न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई। अभी कुछ दिन पहले ही तापमान में बढ़ोतरी हुई थी लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के गुजरते ही हवा का रुख बदला और तापमान में गिरावट होने लगी। मौसम विज्ञानी प्रदेश में अगले चार दिनों में हल्की बारिश का अंदेशा भी जता रहे हैं और कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मावठा गिरता है तो फसलों के लिए लाभकारक होगा।
हालांकि एक-दो दिन बाद एक और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की आशंका है जिससे तापमान की गिरावट पर कुछ दिनों का ब्रेक लग सकता है। शनिवार को भी लगभग पूरे प्रदेश में न्यूनतम तापमान में &.4 डिग्री की गिरावट हुई है। पिछले सप्ताह जहां न्यूनतम तापमान 15.18 डिग्री के बीच चल रहा था वह अब 11.15 डिग्री पर आ गया है। शनिवार को प्रदेश में सबसे कम तापमान नौगांव में 11.7 डिग्री दर्ज किया गया जबकि भोपाल में तापमान & डिग्री कम होकर 14.5 पर पहुंच गया।
मौसम विज्ञानी और ड्यूटी ऑफिसर एसएन साहू ने बताया कि अगले दो.तीन दिन मौसम शुष्क बना रहेगा। तापमान में 1.2 डिग्री की गिरावट हो सकती है। 14 और 17 नवंबर से दो विक्षोभ आने की संभावना है। 15,16 नवंबर से बादलों की स्थिति बन सकती है। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ से तापमान में उतारचढ़ाव की स्थिति रहती है। इसके साथ ही आंशिक बादल और हल्की बारिश का अंदेशा भी बना रहता है। इससे हवा लंबे समय तक उत्तरी नहीं हो पाती है इसलिए जैसी सर्दी होनी चाहिए वैसी नहीं हो रही।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून की अनिश्चितता के कारण पहले खरीफ की फसलों को नुकसान हुआ। इससे रबी की बुवाई भी देरी से हो पाई है। ऐसे में अगर अधिक ठंड पड़ी तो मटर, मसूर और चना की फसलों को नुकसान हो सकता है। सीहोर कृषि महाविद्यालय के डीन हरदयाल वर्मा के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ से किसानों को फायदा हो सकता है। इस विक्षोभ से दिन का तापमान बढ़ा और कम दबाव का क्षेत्र बना तो मावठे यानि बारिश की संभावना रहेगी। इससे फसलों को फायदा होगा।