लद्दाख । पूर्वी लद्दाख में चल रहे टेंशन के बीच भारत अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी को लेकर भी चौकन्ना हो गया है। यहां सेना ने सुरक्षा संबंधी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए आपात योजना तैयार कर ली है। भारतीय सेना ने नए हथियारों और प्रणालियों को शामिल किया है और चीन के साथ सीमा पर चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए क्षमता निर्माण में वृद्धि की है। इसके साथ ही सेना इस क्षेत्र में अपने जवानों का पुनर्सतुलव स्थापित कर रही है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ दो साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच सेना अपनी समग्र युद्ध तैयारियों को बढ़ावा देने के लिए उपाय कर रही है।
सेना ने ये कदम पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ पिछले दो वर्षों से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को देखते हुए उठाया है। सेना के अधिकारियों का कहना है कि लगातार ट्रेनिंग होते रहने से सैनिक किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले हैं। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सड़कों, पुलों और गोला-बारूद डिपो के निर्माण से लेकर अपने निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने तक सेना एलएसी के पास पूर्वोत्तर के आरएएलपी क्षेत्र (शेष अरुणाचल प्रदेश) में सैनिकों को तुरंत लामबंद करने के लिए सैन्य बुनियादी ढांचे विकसति करने में गति ला रही है।
रिपोर्ट के अनुसार चीन द्वारा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहे है। कई सैटेलाइट इमेजों में भी इस तरह का दावा किया जा चुका है। यहां तक की चीन ने एलएसी के अपने इलाके में बड़ी तादाद में मोबाइल टावर भी लगा लिए हैं। वहीं चीन को देखते हुए भारतीय सेना भी अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी दुरुस्त करने में लग गई है। किबिथू, वालोंग और हयुलियांग जैसे सामरिक लिहाजे से बेहद संवेदनशील इलाकों में 4जी दूरसंचार नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान दिया जा रहा है।